Kaun the mirza ghalib
नमस्ते दोस्तों आज हम आपकी खिदमत में हाज़िर है एक नई और अनोखी ब्लॉग पोस्ट को लेकर जिसका नाम है मिर्जा गालिब शायरी हिंदी में. दोस्तों ऐसा कोई शायरी का दीवाना नही होगा जिसे मिर्ज़ा ग़ालिब जैसी अनोखी हस्ती के बारे में पता न हो. जिन्हें पता नही उन्हें बता दूं मिर्ज़ा ग़ालिब को 18 वी सदी का सबसे बेहतरीन और सबसे अनोखा शायर माना जाता था.
वैसे तो इनका नाम मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां था पर इनकी शायरियोंको दीवाने इन्हें अक्सर ग़ालिब कहकर पहचाना करते थे. हिंदुस्तान और पाकिस्तान में जब भी शेर-ओ-शायरी या किसी मुशायरे का जिक्र होता है तो लोगों के दिलों में सबसे पहले 18 वी सदी के नामचीन शायर मिर्जा गालिब का ख्याल दिल मे आता है और आये क्यों न उन्होंने अपनी जिंदगी में कई अनोखी शायरियोंको लिखा और लोगों को भी सुनाया जैसे कि मिर्जा गालिब प्यार वाली शायरी, मिर्ज़ा ग़ालिब उर्दू शायरी.
वैसे तो मिर्ज़ा ग़ालिब एक भारतीय नागरिक थे पर उन्हें कई मुल्कों के लोग आज भी याद करते है मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्म 27 दिसंबर 1776 को उत्तर प्रदेश (हिंदुस्तान) में हुआ था दोस्तों कहा जाता है कि मिर्ज़ा ग़ालिब ने अपने बचपन से ही शायरियां लिखना शुरू कर दिया था उनके कुछ सालों तक शायरियां लिखने के बाद मिर्जा गालिब की शायरी यों से खुश होकर उन्हें मुगल काल से आखरी बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र ने इनको अपने दरबार का शायर बना लिया.
99+ सबसे अनोखी मिर्जा गालिब की शायरियां हिंदी में |galib ki shayari in hindi
ग़ालिब😎 इस 🙄कम्बखत 😍मोहब्बत ने😏 हमें 💯बेवजह ही 🤔निकम्मा 🙄और नाकारा😏 कर दिया😇 वरना😎 इंसान हम🤠 भी थे 😇बहोत 🕴️ काम 🔥के
बेलिबास😎 आये 😊थे इस 🌍दुनिया में😇 ग़ालिब 🙄हम सिर्फ😇 एक कफ़न 💯के लिए 🙄इतना 😉सफर 🙌 कर 🤠गए
शाम🌌होने☺️ को है घर 🏠जाते है😎 अब 😇बुलंदी से🤔 उतर जाते 💯है जिंदगी 😇तू इस 🤠कदर हमारे😊 सामने ❌मत आया 😍ए जिंदगी👩⚕️कर हम🙄 तुझे देखकर😇 अक्सर डर 🤠जाते है ☺️तुझे पाने👩⚕️ के ख्वाब😍 क्या देखें🤝 हम थके 😊हारे लोग 🙄कुछ इस😎 कदर 😴सोते है ☺️कि मर 😎जाते है
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मिर्जा गालिब की अनोखी शायरी हिंदी में |
ग़ालिब😇 इस 😎जहां में🤠 सभी को🙌 अपने😏 इमां😉 का पता☺️ होता 😊है यूंही 💯मक्का 😇में भीड़❌ नही 😎होती
कुछ😉 पलों🤠 में ही 👩⚕️उसके ❤️दिल से🙌 हम बेवजह निकले😉 बसने 🙄में जहां💯 कई 🤠ज़माने 😎लगे
बहोत🤔 जान😇 के जाना 😍है तुमको 👩⚕️बड़ी 🤠मुश्किल 😊से पहचाना 😍है तुमको 👩⚕️मुझे जो😇 तुम समझते😎हो गलत🙄 किसी 💯दिन यह😉 भी🤝समझाना 🤠है तुमको😇 में अपनी 😎खौफ की🔥 हद 🤝पर 🕴️खड़ा हूँ 😏अब इसके 🤔बाद 🙄घबराना😎 है तुमको👩⚕️ जरा सा☺️ देखना है 😍आईने में हमें😇फिर शर्माना😊 है तुमको
जान😎 दे सकता 😇है क्या 🤔साथ निभाने😍 के लिए😊 हौसला है💯 तो बढा 🤝हाथ मिलाने 😎के लिए 😉जख्म❤️ ए दिल 🙄इसलिए 😎चेहरे पर 😍सजा रख्खा😊 है कुछ 🙄तमाशा तो🤠 हो दुनिया 🌍को दिखाने 😇के लिए 😏एक झलक 💯देखले तुझको👩⚕️ तो चले 😎जायेंगे 🤠कौन कम्बखत💯 आया है 😎यहां उम्र🔥 बिताने 😇के लिए 😉मैंने खुदको☺️ दीवार पर😎 क्या लिख🤔 दिया एकदिन😎 बारिशें 😇होने लगी☺️ मुझको 😏मिटाने के 😉लिए
गालिब😎 उसे पाने😍 में मसला 🙄ये है उसे 👩⚕️खोने में🙄 वस्वसे होंगे😎 तुझको छूने 💯से आखिर 😇क्या होगा😊 आखिर 😍तक हाथ 🤝कांपते 😎होंगे
थोड़ा😎 लिखा ✍️और ज्यादा☺️ छोड़ दिया 😎आने वालों🕴️ के लिए 😇रास्ता छोड़☺️ दिया 👩⚕️लडकिया 😍इश्क़ में 💯कितनी😉 पागल 😎होती है 🤠फ़ोन 💯आया 😇और 😊चूल्हा 🔥जलता 😎छोड़ दिया 🤠तुम क्या 🤔जानो 😉उस दरिया🤔 पर क्या 😎गुजरी तुमने 🙄तो बस पानी 🤠भरना 😊छोड़ ☺️दिया
अभी😇 गनीमत है🙄 सब्र मेरा🤠 अभी में 😉लबालब😎 भरा 💯नही हूँ❌ वो मुझे 👩⚕️अब भी☺️ मुर्दा 🙂समझ रहा 😎है उस से👩⚕️ कहों कि 😏मैं अब 😇भी मरा🙄 नहीं हूं ❌कह रहा😎 है मिटा 😉कर रख 😎दूंगा नस्ल 😏तेरी है 💯उसकी 🙄फितरत😎 डरा रहा 😉लेकिन 😇कोई उस😉 कहो से☺️ में अब💯 भी डरा 😏नहीं❌ हूं
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मिर्ज़ा ग़ालिब की प्यारी शायरी हिंदी में |
गालिब 🤠हमारी बातें😍 कुछ इस 🤔तरह शुरू☺️ हुई क्या 😇हाल है 😏पर शुरू💯 और 🤝सब ठीक 😎है पर खत्म🙄 हो गयी
नजाने🤔 कैसे इतराते😉 होंगे कितनी😇 ऐश उड़ाते 😎होंगे 😏नजाने कैसे 🤠लोग होंगे 💯जो उसको👩⚕️भाते होंगे😎 उसकी 😍याद के🙄 बाद-ए -सबा 💯में और 😇तो क्या 🤔होता होगा 😎यूँ तो 🙄मेरे बाल 😉है बिखरे🙌 और 🔥बिखर जाते😊 होंगे वो 😇जो न 😎आने 🤔वाला था न💯 हमें उस 😉से मतलब 🙄था आने 🙌वालों का🤔 क्या है 🤠आते है 😏आते होंगे😊 यारों कुछ 😉तो हाल 😎सुनाओ 👩⚕️उसकी 😍कयामत ❤️बाहों का 😊उनमें जो😎 सिमट ते 🙄होंगे उनमें😇 वो तो मर 💯जाते 🙌होंगे
ये😎 इश्क़ 😍और ❤️मोहब्बत😇 की रिवायत 🤠भी बड़ी 💯अजीब है 😇पाया ❌नही है🙄 जिसको 👩⚕️उसे खोना😏 भी नहीं❌ चाहते
ग़ालिब 😎साहिल😇 के सुकूं🤠 से😏 किसे☺️ इनकार🙄 है लेकिन🤠 तूफ़ां🙌 से लड़ने💯 में मज़ा🤔 ही कुछ😄 और 😊है
जिस☺️ जगह 😇सभी 😎खुदा से💯 अपनी 😆खुशियोंकी 🤔दुआएं 😊मांगते 😇हैं गालिब🙌 मैंने🔥 वहां 👩⚕️भी खुदा 🤠से सिर्फ🙌 तेरी 😇खैरियत😎 मांगी
गालिब😇 हम तो 😎इन कम्बखत 🙌हालातों 🤠के आगे😉ढल से💯 गए वो 🙄हमसे 😎कहते हैं 😆कि हम🤝 अब☺️ बदल से😏 गए
गालिब 😎लोग 😇आखिर ☺️हर मोड़ 🙌पर रुक🙄 रुक सम्हलते 🤔क्यों है😉 इतना 😏ज्यादा 💯डरते है🤠 ज़माने 🙌से तो आखिर😉 बाहर 🤠निकलते 🤔क्यों है 🔥में न ❌कोई जुगनू 😊हु नही ❌कोई तारा🌠 हूं ये😎 कम्बखत☺️ रोशनी 😇वाले मेरे 🤠नाम से 🔥जलते 🤔क्यों🙌 है मोड़ 🙄होता है 🕴️जवानी 😎का संभलने☺️ के लिए😏 लोग ☺️यहीं 😇आकर 💯फिसलते 🤔क्यों 😎है
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Mirza ghalib shayari in hindi |
तोड़🤔 कर 😏जोड़ 😇लो चाहे🤠 हर 😎चीज़ 🌍दुनिया की🙌 सबकुछ 🙄काबिल 😎ए मरम्मत 🤠है ऐतबार 😄के😇सिवा
चलो😎 मान 🤠लिया 😉ग़ालिब 🙌कि तुम 😇बातचीत ☺️ के शहेंशाह 😊हो लेकिन🤔 इतना ☺️अपने 🤠जेहेन 😇हम भी💯 हर पल 😉खामोशियों पर🙌 राज़😎 करते 🤠है तुम 🤔मानों या ☺️न मानो❌ हम 🤝तुमसे बेइंतहा😍 मोहब्बत ❤️करते ☺️है
गालिब😎 हमसे☺️ जो 🤝जिंदगी ❌न गुजारी 😊जा सकी🤠 हमने 😉उस 😄जिंदगी 🙌को गुज़ारा😎 है
गुनाह 😎करके 🤔 आखिर 🙌कहां तक 🙄भागोगे 🤝ग़ालिब ☺️ये ये ज़मीन 💯ये खूबसूरत😎 आसमान 🤠सब उसी 🔥के नाम🙄 का तो 😎है
मिर्जा गालिब के सबसे लोकप्रिय उर्दू शायरी |Aur Ghalib Ke Sher
खुदको 👩⚕️इतना 😇भी मत ❌बचाया 😎कर बारिशें😊 हो तो 🙌उसमें भीग🤠 जाया कर☺️ काम ले 😉कुछ हसीं🙄 होटों से💋 बातों 😍बातों में 😆मुस्कुराया 👩⚕️कर चाँद🌛 से कुछ ❌नहीं गिला 👩⚕️तू अपने 😎चेहरे से चगमगाया ☺️कर ये धूप🙌 अक्सर 😏मायूस होकर🙄 निकल💯 जाती 🙌है छत पर🤠 रोज़ 😎कपड़े ☺️सुखाने आया 🔥कर कौन🤔 कम्बखत😏 कहता 🤠है ❤️दिल से🙌 दिल❤️ मिला कमसे😇 कम हमसे 😎हात तो🤝 मिलाया👩⚕️ कर
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मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरियां हिंदी में |
हर☺️ एक 🤠बात पे 😉कहते हो 😎तुम 🙄की तू क्या🙌 है अब 💯तुम कहो 🤠कि ये 😉अंदाज-ए-गुफ्तगू 😎क्या 🔥है
हमारे ☺️मिज़ाज में🙌 थोड़ी सक्ती 😉जरूर है 😊जनाब पी 🤝जाते लोग 🤔समुन्दर 😏अगर वो🙄 खारा❌ न 😊होता
हातों🙌 की 🤠लकीरों 😇पर मत ☺️जा ए 😎ग़ालिब 💯 नसीब😄 उनके😊 भी होते 😏जी जिनके🙌 हाथ नही❌ हुआ 😎करते
गालिब😊 आज 🤠हमने फिर 👩⚕️उन्हें शायरी☺️ योंमें लपेटकर 🤔अपने जज़्बात 💯भेजे और 🙄उस हसीन👩⚕️ ने 😎हर बार🙌 की तरह 😇फिर हमारे 😊जज़्बातों ☺️को 😎मामूली 🙄अल्फ़ाज़ 🙂समझा
दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट में हमने मिर्जा गालिब शायरी हिंदी में को भी जोड़ा है जिसे पढ़कर आपके दिल को सुकून मिलेगा दोस्तों हमने इस पोस्ट में कुछ ऐसी अनोखी मिर्जा गालिब उर्दू शायरी जोड़ी है जिन्हें आपने पहले कभी नही पढ़ा होगा यह शायरियां हमने काफी मेहनत और काफी खोज करने के बाद हमारी टीम ने इसे प्रकाशित किया है.
इस दोस्तों हमने आपकी सहायता के लिए इस ब्लॉग पोस्ट में कुछ मिर्जा गालिब शायरी वीडियोज और मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी इमेजेस जोड़ी है जिन्हें देखकर आपके दिल को सुकून जरूर मिलेगा. श्रीमान मिर्ज़ा ग़ालिब को उनकी शायरियों की वजह से उन्हें बहोत सारे छोटे मोटे खिताब मिले उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा खिताब उन्हें दबीर-उल-मुल्क और नज़्म-उद-दौला उस वक्त के शहंशाह से मिला. दोस्तों अगर उनके शादीशुदा जिंदगी के बारे में बात करें तो उनकी शादी सिर्फ और सिर्फ 13 साल की उम्र में श्रीमान नवाब इलाही बक्श की बेटी उमराव बेगम से हुई दोस्तों आज भी कई हिंदुस्तानी और पाकिस्तानी नामचीन शायर है जो इनके तस्वीर से आशीर्वाद लिए बिना अपनी कलम को हात तक नही लगाते.
जैसे कि पाकिस्तान से तहज़ीब हाफी इफ्तेकार आरिफ,अनवर मक़सूद हमीदी, जॉन एलिया और हिंदुस्तान में श्रीमान कुमार विश्वास, राहत इंदौरी, शैलेश लोढा, इत्यादि. ऐसे महान शायर को मेरा दिल से सलाम
ठोकरें 🙄खाकर भी 😊न सम्हले 🤔तो मुसाफिर🤠 का नसीब😏 वरना 🤝पत्थर ने 💯अपना फ़र्ज़ 🙌बखूबी निभाया😎 है
गालिब😎 हमने🤠 इस😉 कम्बखत ☺️जिंदगी 🙌को कुछ☺️ इस तरह💯 आसां कर☺️ दिया 🙄कई यों🤠 से मांगी 🙌माफी तो कइयों☺️ को माफ 🔥कर दिया
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मिर्ज़ा ग़ालिब की नज्म हिंदी में |
है ☺️शिद्दत 👩⚕️ तेरी 😍मोहब्बत मैं 🤠तो मंज़र 😊को हिला 🤔कर दिखा😄 वरना 💯जाम के🤠 दो घूंट पी😇 ओर😊 मंजर 🙌को हिलता 🤠देख
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नसीहत😇 के कुतुब😎 खाने😄 यूं तो💯 दुनिया🌍 भर 🙄में भरे🙌 हैं ज़माने 😄की ठोकरे☺️ खाकर 😇ही बंदे को 😇अकल 💯आयी 🙌है
गालिब☺️ में होश😇 में कभी🙄 रहता ❌नही उस 😎से मिलकर👩⚕️ ये तो😎 मेरा इश्क़ ❤️है तुम 😍इसे नशा😏 मत ❌समझो तुम 🤠जैसे हो 😇में भी 💯तो वैसा 😏ही हूं 🙂आदमी ही😉 हूं तुम 👩⚕️मुझे खुदा😎 मत ❌समझो
आखिर😎 कौन 😊कम्बखत 🤔पूछता है 😄पिंजरे में 😏बंद 🐦परिंदों को 🤠ग़ालिब 😇याद यही 😉आते है 🤔जो😎 आसमान में 🐦उड़ते है
कितने🤔 शिरीन 😎है तेरे 😉लभ की ☺️रकीब 🙄गालियां😄 खा कर 😏भी मज़ा 🙄न ❌हुआ🤠
😄मुझसे 👩⚕️कहती है😊 तेरे 😇साथ 😎रहूंगी 💯सदा ग़ालिब🤠 बहोत😍 प्यार ❤️करती 😎है मुझसे 🙄उदासी 🙄मेरी
हम🤠 तो 😎फनाह 😇हो गए 🙌ग़ालिब उसकी🙂 आँखें 👀देखकर 😏नजाने 🤔वो 😎आईना 🙄कैसे 😍देखते 💯होंगे
यहां😇 बिकता है🙂 सबकुछ 😎ज़रा 🙄रहना संभल 😊के 🙄लोग हवां 🙌भी बेच 💯देते है 😎गुब्बारे 😇में भर🙂के
रिश्ता😇 तोड़ा🤠 इतनी 😎अक्लमंदी 🤔से उसने ☺️ग़ालिब💯 की 😊हम 🤠सारी 🙄उम्र सिर्फ 😏अपनी😊 🙄गलती को🙌 ढूंढते 🤔रहें
गालिब😇 में फना 💯भी हो 😎जाउं फिर🤠 भी उसे😊 कभी 🤠खबर मत❌ करना 😉बडाही 🤝मशरूफ 😇सा शख्स 😊है कहीं 🤔उसके 🤝कीमती 🤠पल 🔥बर्बाद ❌न हो ☺️जाये
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मिर्ज़ा ग़ालिब की नज्म |
एक😇 रात वो🙌 गया ☺️था जहां😎 बात रोक🙄 के अबतक😇 रुका💯 हुआ हूँ 🙌वही रात 😎रोक के
ईस🙂 सफर 🤠में नींद 🙄कुछ 😎इस ☺️तरह 😊खो गयी 🙌हम तो 💯ना सोए😇 पर ये 😎रात जरूर 🤠थक कर 😴सो 🔥गई
दिल❤️से तेरी 🤠निगाह 😎जिगर 😊तक उतर 🙌गयी दोनों🤠 को एक 😏अदा में ☺️रज़ा मंद 🙄कर 😇गयी
मिर्ज़ा ग़ालिब की प्यार पर बेहतरीन शायरी | ghalib shayari on love
वक्त😎 के साथ🤔 हम कभी 😏नही ❌बदलेंगे 🙂ग़ालिब 🤠तुमसे जब 🙄मिलेंगे 🤝अंदाज़ 🤠पुराना 😊ही 😎होगा
जन्नत समझते थे वो तो तेरे ख्वाब निकले और क्या ही कहें इश्क के बारे में ग़ालिब जिन्हें ज़माना समझता था आवारा वो तो मोहब्बत में हारे लोग निकले.
हर आशिक जिस्मानी नहीं होता कइयोंका ज़मीर होता है, और गालिब जिस कम्बखत का ज़मीर नहीं होता वो कहां सच्चा आशिक होता हैं.
मोहब्बत में हर भंवरे की छलांग बागों तक ही रहती है, बाकी दुनिया में कितनी खूबसूरती है उस बेचारे को कहाँ दिखाई देती है.
मुसाफिर में उम्र गुजरी लेकिन कभी मंज़िल का दीदार न हुआ, हम भी जुबां के पक्के थे साहब वो तो किसी और का हो गया लेकिन हमारा दिल ही किसी का न हुआ.
जीता है ज़माना होटों पर झूठी मुस्कान लिए, दिया है जो जहर उसने उसके बाद तो मौत तय है ग़ालिब तो फिर उसके बाद कोई दूसरा ज़हर हम क्यों पिये.
कौन आया है यहां पर जिंदगी बिताने को चले जायेंगे हम भी हंसते हुए अगर तू हमें देखकर मुस्कुरा दे तो.
जीते हुए इतना भी मशरूफ मत हो जाना कि जिंदगी में खुद अकेले ही रह जाओ, कुछ इस कदर बनाना खुदको की हर किसी के साथ एक नायाब रिश्ता बना पाओ.
कुछ जिंदगी के गम ता उम्र जहन में बैठ से जाते हैं, गालिब मोहब्बत के बिना कोई जख्म इतना दर्द नहीं देता जितना दिल पर लगे जख्म दे जाते हैं.
ख्वाहिशें है बहोत सी लेकिन हर ख्वाहिश को दिल में दबाए बैठे हैं, लोग समझते है की हम यूंही बने हैं अखबार की सुर्खी, लेकिन उन्हें कौन बताये इश्क में अपना सबकुछ हम लुटाए बैठें हैं.
गालिब ये इश्क है बड़ी बीमारी इसमें सबकुछ खोना पड़ता है, जिस आवारा को कल तक बुरा कहते थे टूट कर उसके जैसा ही होना पड़ता हैं.
मोहब्बत को अगर पाना है तो अपना सबकुछ खोना पड़ता हैं, होटों पर मुस्कान लिए रोना पड़ता हैं.
इश्क के शहर में सच्ची मोहब्बत का क्या दाम चल रहा है इसका जरा पता कीजिये, और अगर गालिब मिल रहा हो अच्छा खासा दाम तो हमें भी बेच दीजिए.
ये दिल जिस्मानी नहीं बल्कि रुहानी रिश्ता बनाना चाहता हैं, गालिब ये तो किसी एक की तलाश एक अरसे से तलाश में जुटा हैं जो कि आज भी कर रहां हैं.
जब भी देखता हूँ तुझे नजाने दिल में क्या होता हैं, यूं तो कभी बेवजह मुस्काता नहीं हैं दिल लेकिन, तुझे एक झलक देख मेरी रूह से लेकर दिमाग का हर पुर्जा मुस्कुराता हैं.
सिर्फ ओ सिर्फ इन हातों की लकीरों के होने से क्या होता है, आजकल वो भी महलों में राज करतें है जिनका हाथ कटा होता हैं.
यूं ज़माने भर में दरबदर फिरना सही लगता हैं गालिब लेकिन भरी महफ़िल में उसका जिक्र कर उसे बदनाम करना गवारा नहीं लगता.
मुझे बड़े अच्छे से पता है इश्क में क्या हाल होता है लेकिन मैं फिर भी मोहब्बत करना चाहता हूं, चार दिन की जिंदगी में कभी हंसना तो कभी रोना चाहता हूं, ये तो है एक बहोत बड़ी बेवकूफी लेकिन मैं इश्क में बेवकूफ होना चाहता हूं.
गालिब हमें वक्त पर सही तालीम नहीं मिली, वरना जीत जाते हमभी इस जिंदगी की जंग को.
में एक मुसाफिर और वो मेरी मंज़िल हैं, उसके बिना मेरी जिंदगी में सबकुछ होकर भी कुछ नहीं हैं, आखिर क्यों इस उसके यादों की आग एक ही बार में नहीं बुझती अब कहीं पता चला कि दिल के दरिये में पानी कम है.
न❌ रवा🤠 कहिए❌ न सजा 🙄कहिए 🤔कहिए जनाब😏 मुझे बुरा 🙄कहिए
ये🤠 तन्हा😊 रात 😎ये गहरी 🤝फिजाएं 👩⚕️उसको इस🙄 जहां में 🙌ढूंढे या 💯खुद को ही 🤠भूल ☺️जाएं
उनकी👩⚕️ खूबसूरती😇 को एक☺️ नज़र 😎देखकर🙂 खिलता 🤠है जो 🙌हमारा ☺️चेहरा वो 😎मन ही 😄मन सोचते🙄 है कि 😎बीमार का 😏हाल 🤠अब 😊अच्छा 😎है
मिर्जा गालिब की शायरियों के वीडियोज | ghalib shayari on life in hindi
ए😇 नादां❤️ दिल🙄 बता 😎आजकल🤔 तू उसकी👩⚕️ यादों 🤔में इतना🙌 मचल 😄क्यों रहां 💯है आखिर 🙂इस ☺️कम्बखत 😍इश्क़ ❤️दवा 😏क्या 🤔है
गुजर ☺️रहा हूं🤠 यहां से 😎भी गुजर ☺️जाऊंगा मैं😇 वक्त😉 हूं ग़ालिब 🙌अगर ठहरा तो😏 सीधा मर 🤔जाऊंगा😎 में
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मिर्ज़ा ग़ालिब की नज्म हिंदी में |
मोहब्बत😍 का तो😉 काम ही😎 है जनाब 😇हर किसी🙌 की मोहब्बत😍 को जांचना 🙌और परखना😉 मजा तो😊 तब आता🙌 है जनाब 💯जब आशिक़ 🤠हो जाता🙄 है फना😄 इस 😍मोहब्बत के🤠 परखने 😎में
तेरी 😇मोहब्बत😍 में आखिर ❤️कौन 🤔कम्बखत 🙌तेरा 😎दीवाना न❌ हुआ 😉अरे हम🙌 तो बस😎 एक मामूली🙂 से इंसान 💯थे सुना है 😎तेरी अदाओं😉 को खुदा 🙌भी परवाना😎 हुआ
फूलों 😎को भी🤔 एक उम्र🤠 चाहिए 😇होती है 🙄अपनी 😄खुशबू से🌍 दुनिया को 🙌वाकिफ 😇करने 😎के में🙌 पर तूने 🤠तो कुछ 💯पल भी ❌नहीं लिए 🤝अपनी 💯मोहब्बत 😍की खुशबू❤️ को हमतक 🤠पहुंचाने 😎में
सच्चे😎 इश्क़ 😍में कभी 😏उम्र का 🤔अंदाज़ा ❌नही लगता 🙌कभी मेहबूब👩⚕️ की बातों ❤️का बुरा ❌नही लगता 😉अक्सर 🌍दुनिया से😎 बेमतलब 🙄ही रुक्सत☺️ होते हैं वो 🙌लोग जिनका 😎जिंदगी में 😉अपने मेहबूब🤠 से रूह 😇का रिश्ता ❌नही 💯खीलता
हमें😇 पूरी खबर 😏है जन्नत 🤔की हकीकत🙄 की ग़ालिब😊 लेकिन ❤️दिल को 😎तस्सली 🤠देने के 😇लिए 💯खयाल 😎अच्छा है
तेरी👩⚕️ आँखों 👀में बसी😉 हुई हमारी 😎तस्वीर 💯हमें तेरा😄 और भी🤠 दीवाना 🙌कर गयी 🤔पहले क्या😏 कम 🙄घायल थे🤔 तेरी 😍खूबसूरती के ❤️जो तेरी 😎ये अदा🙂 हमें और 🙌घायल कर 😇गयी
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मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी हिंदी में |
सोचो🤔 गालिब😎 कितनी 😏खौफनाक 🙄गुजरती होंगी 💯ये सर्द 🤔रातें उन 🙄बेचारों की🤠 जिनके 🔥पास🙌 अपने बच्चों👩⚕️ का बदन☺️ ढकने 💯के लिए😎 छोटा 🙄सा कपडा💯 तक नही ❌होता
कोशिशें😇 तो इतनी 😎की उसके ❤️दिल में 🙄समा जाने🤠 की लेकिन 😎 हमेशा हमारी💯 किस्मत 🙂में हमें😇 नाकामयाबी 🤠के निशा 🙌मिले 😍मोहब्बत तो 🤔बहोत है 😉उस से 😇खुदा करे 😏मेरी मोहब्बत😍 का ❤️एहसास 😇हमें उसकी 👀आँखों में 😎जल्द ही 😉देखने को 😎मिले
हमें 😎आखँ👀 दिखाकर 💯कहाँ तक 😉उड़ेंगे ये 🙄नादान 🐦परिंदे इनकी😏 पहोंच 😎अच्छी तरह 🔥से जानता 😊हूं आखिर🤠 मेरे ही🙌 परों में 🙂पले जो🙄 है में 😄बस थोड़ा 💯इन्तजार करो🤠 जनाब 🙌देखो में🤠 किसतरह😎 ईनके 🤔परों को 😎काटता हूं
अपनी🤠 इन 🙄हवस की 😏नज़रों 👀पर ज़रा😎 काबू रख 🙌गालिब तेरी🤠 बहन भी वहीं😉 लिबास 😇पहनती हैं 💯जो इस🙌 खूबसूरत 🌍दुनिया की 😎बाकी 👩⚕️औरतें पहनती 😉है
ए 🙂खुदा 😇कभी 💯कोई तकलीफ ❌न हो 👩⚕️उसके इस 😇खूबसूरत ❤️दिल को 😊क्योंकि इसमें😏 हमारी तस्वीर😎 बसी हुई🙌 है
प्यार वाली शायरी हिंदी में
क्यों🤔 पियें 😎इस कम्बखत😏 जाम को 🙄जब हमारे😊 सामने💯 हुस्न-ए-मलिका👩⚕️ तुम हो 🙌क्यों करें 😇हम ☺️किसी 🔥और नायाब 🙂चीज़ की 😎तलाश जब☺️ हमारे पास👩⚕️ तुम
तुम्हारी👩⚕️ खूबसूरती😍 के बहोत🙌 बड़े दीवाने 😎हम है😊 और हमारे 😄जैसे दीवाने💯 इस कम्बखत🌍 जहां में बहोत😇 ही कम ☺️है
एक 😉अरसा हो😎 गया 😊हमें उसे 👩⚕️चाहते 😍हुए लेकिन😊 उसे मेरी😍 मोहब्बत का☺️ एहसास अब 😏भी नहीं❌ है कोई 😇बताओ उस 👩⚕️हसीं को 🔥की हम😎 उसकी💯 मोहब्बत 😍में जहां थे 😎अभी भी 🤠वहीं 😉हैं
कितनी😎 मोहब्बत 😍है तुझसे👩⚕️ हमें ये😉 तुझे कैसे🤔 बताएं 😊इजाजत हो 😉तेरी तो 💯बतां की🤠 इश्क़ में😉 तेरी🙌 फना हो😊 जाये
तुम्हारे😎 मिजाज🤠 बिल्कुल🙄 चाँद से🌛 होते है 👀आखों में 💯नूर भी😎 उतना और 😊चेहरे पर 😏गुस्सा भी🙄 उतना और 🤠तो और हमसे 😇दूर भी🙌 उतना
तन्हाई😉 के लम्हात 😏का हमें एहसास 💯हुआ है 🙄🙄🙂जब तारों🌠 भरी रात ☺️का हमैं😎 एहसास 🤠हुआ है
जनाब😎 अब 🤠कुछ भी 🙌बचा ना 😉कहने को🙄 हर बात 🤠हो गयी😊 चलो मिलकर😇 कहीं शराब☺️ के दो😎 घूंट पियें😇 क्योंकि ये💯 रात आज 😉फिरसे जवां😄 हुई
किस🤔 हक़ ☺️से जन्नत 😎के ख्वाब😴 देख रहे 🤝हो ग़ालिब😏 खुदा 🙌भी तुम्हारी 😎इन हवस🙄की 😉नज़रों से😇 अच्छी 🤠तरह 😏वाकिफ 😇है
था😎 वादा🤠 शाम का 😄पर आए😇 वो रात😊 को में😇 भी में🙌 भी की वाद 😎खोलने फौरन ❌नही गया
पहले😉 नहाई 🙄ओस में फिर 🙌आसुओं में😇 रात यूँ😄 बूंद बूंद😊 उतरी हमारे 😄घरों में 😎रात
तेरे😎 वादे🤠 पर जिये🙌 हम तो 💯यह जान 😊झूठ जाना ☺️कि ख़ुशी 😄से मर न जाते🙌 अगर एतबार🙌होता
अच्छा 😎है दिल❤️ के साथ😎 रहें 🤠पसबन-ए-अक्ल🙌 लेकिन 🙂कभी 😇कभी इसे😊 तन्हा भी 💯छोड़ 🤠दे
पता 🤠नही ये❌ कैसा 🤔अनोखा 😎तरीका है😇 उसका😊 हमसे रिश्ता💯 निभाने का🤠 कभी 😎भी खुदसे😇 दिल❤️ नही ❌करता उसका🙌 हमसे 😎गुफ्तगू 😇करने 🔥का
आखिर😇 किस इंसा😎 के लिए 🤔जन्नत 😉को बनाया🤠 है तूने😉 ए खुदा 💯यहां आखिर🙌 कौन ऐसा😉 है जो 😊किसी का 🔥गुन्हेगार ❌नहीं
मैंने 😇एक 😎नज़र 😊देखा 🙌उन्हें इब्तेदा 😇हो गई🙌 उन्होंने 🤝एक नज़र 😎देखा हमें 😉इंतेहा हो 😏गई
ये 😉कम्बखत 😎मतलब 🤠की दुनिया🌍 है ग़ालिब 😇यहां 💯पलकों 🙌पर बिठाया 🤠जाता है 😎नज़रों से🔥 गिराने🙄 के 😉लिएदोस्तों अगर आपको हमारी यह मिर्जा गालिब शायरी हिंदी में ब्लॉग पोस्ट पसंद आती है तो हमें कमेंट करके अपना कीमती फीडबैक दे और इस ब्लॉग पोस्ट को शेयर कर सभी मिर्ज़ा ग़ालिब के दीवानों तक जरूर पहुचाएं जिस से उन्हें भी मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरियों को पढ़ने का मौका मिले. धन्यवाद
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