Shakeel Azmi Sahab ki ansuni Shayari
नमस्ते दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आ चुके है एक नई और अनोखी पोस्ट जिसका नाम है शकील आजमी की शायरियां और कवितायें दोस्तों जैसा कि आप सब जानते ही है कि शकील आजमी साहब इस भारत देश के जाने माने गीत लेखक और कवि है दोस्तों शकील आजमी साहब ने बॉलीवुड की कई फिल्मों के लिए गाने, शायरियां और डायलॉग लिखे हैं जो कि काफी ज्यादा हिट हुए और जिन्होंने दर्शकों के दिलों में कई सालों तक राज किया, जैसे कि पिछले साल रिलीज़ हुई मूवी हैक्ड के लिए उन्होंने तु जो मिली गाना लिखा जो कि इस मूवी का सबसे अच्छा माना गया दोस्तों शकील आजमी 1971 में आजमगढ़(भारत) में पैदा हुए वो मिडिल क्लास फैमिली से थे. शकील आजमी की शायरियों का और कविताओं का हर कोई दीवाना है.
पहन🤗 के 🤔झूठी 😎हसी 🙌महफिलों 🤠में जाना 🤔क्या 🙄उदास है😊 तो 😏उदासी में 😄मुस्कुराना 💯क्या शराब 😎छोड़ दी 🙌सिगरेट भी 😤तोड़ दी 🕴️हमने तुम्हारे👩⚕️ वास्ते अब🔥छोड़ दें 🤗जमाना 😎 क्या
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Shakeel Azmi ki behtareen Shayari |
मर😏के मिट्टी🙄 में मिलूंगा 🤔और फिर😉 खाद हो😇 जाऊंगा, 😎में फिर 🙌खिलूंगा शाख🤗 पर आबाद😊 हो जाऊंगा😉 में बार🙌 बार आऊंगा💯 में तेरी👩⚕️ नजर 👀के सामने😊 और फिर😎 एक दिन 😇तेरी याद 🤠हो जाऊंगा🔥 में तेरे 👩⚕️सीने में🤠 उतरूंगा 🙄चुपके से ☺️कभी और🤔 फिर जुदा😍 होकर तेरी 👩⚕️फर्याद 👩⚕️हो जाऊंगा 🙂में अपनी🤗 जुल्फों👩⚕️ को😇 कभी🙌 हवा के😊 सामने 💯मत ❌खोलना 😍वरना खुशबू 😎की तरह😇 आज़ाद 🙌हो जाऊंगा🕴️ में
और🙄 कुछ😊 दिन 😇यहां रुकने🤗 का मौका😎 मिलता😊 इस 🤠नए शहर🤝 में 😎कोई तो 💯पुराना मिलता😊 में तो🙌 जो कुछ 😎भी था 😤जितना भी🤗 था 🤠सब मिट्टी 🤗था, तुम 👩⚕️अगर ढूंढते 🤗मुझमें तो🔥 खज़ाना 😇मिलता, मुझको 🕴️हंसने के😄 लिए 😎दोस्त मयस्सर 🙌है बहोत 🤗काश रोने 😤के लिए😢 भी कोई🤗 कंधा 💯मिलता
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क्या🤔 दुख है 🙄समंदर को🌊 बता भी❌ नही सकता🙌 आसूं की 🤗तरह आंख 👀तक आ 🤠भी नहीं ❌सकता तो😎 छोड़ रहा 🤗है तो खता 😇इसमें तेरी👩⚕️ क्या 🙌अर्शत मेरा😎 साथ 💯निभा भी ❌नहीं सकता😇 वैसे तो ☺️एक आंसू 😢ही बहाकर 😊मुझे ले 😉जाएं ऐसें 😇कोई तूफ़ां 😎हिला भी ❌नहीं सकता 🤔घर ढूंढ💯 रहे हैं 😊मेरा रातों 🤠के पुजारी 😉में हूं कि 🔥चिरागों 🤗को बुझा 😎भी नहीं ❌सकता
🤗निझाम-ए❤️-अब्र मुक्कमल 🤠धुएं से😎 होता ❌नहीं गुलों😇 का नाम😎 फकत फूलों 🌹से होता ❌नहीं बस😇 एक 🙌पुकार पे😍 दरवाज़ा😤 खोल देते😎 है जरासा 🤗सब्र भी😊 इन कम्बखत 👀आसुओं 💯से होता❌ नहीं
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Shakeel Azmi ki sabse anokhi Shayari |
कहानी✍️ जिसकी 👩⚕️थी उसके 😏ही जैसा 🤗हो गया था😎 मैं 🕴️तमाशा 🙄करते करते😤 खुद तमाशा😎 हो गया🙌 था मैं🕴️ न मेरा ❌ना था 😇न ❌ काम,🤠बाज़ार-ए-मोहब्बत😍 में बस💯 उसने 😎बस भाव 😉पूछा 🤗और महंगा😎 हो गया 🤝था मैं, बितादि😤 उम्र उसकी🙌 एक आवाज़ 👩⚕️सुनने में 🤠जब उसे 👩⚕️बोलना आया 😊तो बेहरा 😤हो गया था🕴️, मैं बुझा 😎तो खुदमें😇 एक 🔥चिंगारी 🤗भी बाकी ❌नहीं रखी😉 उसे 🌟तारा 😇बनाने में 🙌अंधेरा 😎हो गया था 🙂मैं
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तू😇 नहीं❌ दिल❤️ में मगर🙌 तेरा 👩⚕️निशां 🤠बाकी है😇 बुझ गयी 🤗आग 🔥मोहब्बत 😍की धुआ😤 बाकी है😎 जिस 💯जगह 😉कैलेंडर में🤗 हमने 🙄जुदाई ✍️लिखी🤠 एक 🤝मुलाकात 😇की 💯तारीख 😎वहां बाकी☺️ है, मेरा 🕴️विश्वास 😍मोहब्बत 💯से नहीं❌ उठ सकता 😎जब तलक🤗 शहर 🙌में फूलों 🌹की दुकान🤠 बाकी 😉हैं, में🕴️ तेरे 😇बेवफा 😤होंने से 🔥परेशांन😤 नही ❌हूं, ❤️दिल लगाने 😉को अब 🤠सारा 🤗जहां 🙌बाकी 😇है.
खुदको👩⚕️ इतना😤 भी मत ❌बचाया 😊कर बारिशें😇 हो तो🤠 भीग 😎जाया ☺️कर 🤗काम 👩⚕️ले कुछ😄 हसीं 💋होटों से 😍बातों 🤗बातों में 😄मुस्कुराया 😉कर चाँद🌟 लाकर 💯कोई ❌नही देगा, अपने 👩⚕️चेहरे से😇 चगमगाया 😎कर धूप🔥 मायुंस 🙌लौट 😏जाया 😤 करती💯 है छत 😍पर कपड़े😎 सुखाने 😇आया 🙌कर कौन 🤗कहता है ❤️दिल मिलाने😉 को😇 कमसे 💯कम हाथ 🤝तो मिलाया❤️ कर
परों🕴️ को 🙌खोल ये 🌍ज़माना 💯 उड़ान 👀देखता 🤗 है 😇ज़मीं पे 😏बैठ 😤के क्या😑 आसमां🌟 देखता😎 है, मिला 🤠 है 👩⚕️हुस्न 😇तो 👩⚕️इस 😍हुस्न की💯 हिफाज़त😤 कर 🤗संभल 😉कर चल 🤠तुझे सारा😊 जहांन 🌍देखता 👀है, कनीज👩⚕️ हो 😇कोई या🤠 कोई👩⚕️ शहज़ादी हो❤️ इश्क़ कब😇 खानदान👀 देखता है
मे भी😤 तुम जैसा 🤠हूं मुझे 😎जुदा☺️ मत ❌समझो😇 मुझे 🕴️आदमी☺️ ही 🤗रहने दो 😤मुझे खुदा❌ मत ❤️समझो
हर 😇घड़ी 😏चश्मे 😎खरीदार 🤗में रहने😉 के लिए🙌 कुछ☺️ हुनर 🤠चाहिए 💯बाज़ार में😍 रहने 😎के लिए😉 ऐसी 🤠मजबूरी ❌नहीं 😇है, कि 🙌 चलूं 😏पैदल में 😎खुदको गर्माता🔥 हूं 😉रफ्तार 🕴️में रहने😊 के लिए🤗 मैने देखा👀 है जो 😎मर्दों की 🙌तरह रहते 😇थे मस्करे 😤बन गए😉 दरबार में 🙌रहने के😇 लिए अब💯 तो 🙌बदनामी का😎 शौहरत का🤠 वो रिश्ता😏 है की🕴️ लोग 😤नंगे हो 🤗जाते है 💯अखबार 🙌 में रहने 😇के 🤝लिए
हार🤗 हो जाती 😏है जब 😎मान ☺️लिया🤠 जाता 💯जीत तो😎 तब 😇होती 😉है जब 🙌ठान लिया🤠 जाता 🤗है, एक🤗 झलक 😇देखके 😎जिस 👩⚕️ शख्स😊 की 😍चाहत 🙌हो जाये😎 उसको👩⚕️ पर्दे में🤠 भी पहचान 🙌लिया 🤗जाता 😇है
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Shakeel Azmi ki chuninda shayariyan |
बैठे😇 बैठे 😊उठता है 😏और 🕴️चल 🤗पड़ता है❤️ दिल 😎भी अक्सर 🔥सुलग 🙌सुलग 🤠 कर जल 🤗पड़ता है☺️ सीने में😎 कुछ 😏बर्फीली 😤यादें 😍रहती है धूप 🤠लगें तो😏 सारा🙌 शहर 🤗पिघल 😍पड़ता है
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धूप 🤗से 🤠होकर 😤जाता है 🕴️साये 😎का 😇रास्ता एक😉 पर्वत🙌 एक 😎सेहरा फिर 💯जंगल पड़ता😏 है नींद😉 से 🤠पहले ख्वाब🕴️ चले 👩⚕️आते है 😍तेरे फिर😇 सोने में🤗 सारी रात🙌 खलल 😊पड़ता है 😇आसां कब 🔥है 🤠जान-ओ-माल 💯 बचा कर 😄ले जाना🙌 जिंदगी 🤗के हर 😏रास्ते पर 😎चम्बल पड़ता☺️ है
Shakeel Azmi Sahab ki sabse pyaari Shayari Hindi main
इसलिए हमने इस ब्लॉग पोस्ट में शकील आज़मी की शायरियों की वायरल वीडियोज को जोड़ा है जो कि आपको जरूर अच्छे लगेंगे. दोस्तों उंगलियों पर गिने जाने वाले शायरियों और कविताओं के दीवाने होंगे जो शकील आज़मी साहब को नही जानते होंगे, दोस्तों इनकी कविताएं अक्सर वास्तव पर आधारित होती है इसलिए उनकी कविताएं लोगोंको पसंद आती है. इनके कई जगहों पर मुशायरे हो चुके है जैसे कि दिल्ली, इंदौर,कोलकाता, हैदराबाद, और तो और इनके मुशायरे अलग अलग देशों में भी होते है जैसे कि सऊदी, पाकिस्तान, अमेरिका, शकील आजमी जी को उनकी खूबसूरत शायरियों के लीये। इन्हें पुरस्ककार भी दिए गए है, जैसे कि, सबसे बेहतरीन शायर ऑफ द ईयर, यूनिक स्टाइल ऑफ पोएट्री, इत्यादि.
दोस्तों अब जानते है उनके बचपन के बारे में तो दोस्तों शकील आज़मी जी जब 15 साल के थे उन्हें तबसे कविताएँ और शायरियोंको लिखने का शौक था वो अपने स्कूल के दिनों में भी अक्सर कविताएं लिखा करते थे और अपने स्कूल के दोस्तों को सुनाया करते थे ऐसा करते करते उन्होंने अपने इस शौक को आगे जाकर अपना व्यापार बनाया और कविताओं की कई नई नई किताबें लिखी और प्रकाशित की जैसे कि ऐस्ट्रे, परों को खोल, इत्यादि. दोस्तों हमने इस ब्लॉग पोस्ट में शकील आज़मी जी की सिर्फ कवितायें ही नही बल्कि उनकी शायरियोंको और प्यारी नज्मों को भी जोड़ा है. जिन्हें आपने अपने जिंदगी में कहीं नही पढ़ी होंगी.
उसकी 👩⚕️याद 😎आयी 🙌तो कुछ 🤠जख्म पुराने💯 निकले❤️ दिल 🤠की 😍मिट्टी से 😇ख़ज़ाने निकले🔥 शहर 😏में करता 🤗था जो 😉सांप के😎 काटे का😉 इलाज 🙌उसके तैखाने💯 से सापों 🤠के ठिकाने 😉निकले
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Shakeel Azmi ki Shayari aur pyaari najm |
उसकी 👩⚕️दुनिया 🌍में नही ❌रहता था 😎फिर भी☺️ उसमें🤠 कहीं रहता 😏था चाँद 🌟तारे थे 😉उसकी 😎 जुल्फों😏 मैं, 😎में भी 😍बादल 🤗सा वहीं 🤠कहीं 😎 रहता 😊था उसको💯 आसमां😉 बनाता 😄था मैं 🤠और❤️ में बनकर 🤗जमीं रहता 🤠था जब कोई 👀आंख न ❌थी दुनिया 🌍में फिर 😏भी वो 👩⚕️पर्दा नशीं😇 रहता 🙌था उसे ☺️गले मिलकर 👩⚕️गालिब में😉 हसीं कई😄 रोज़ रहता😎 था ये, जो वीरान 😉सी आँखें है😏 तेरी👀 में पहले 🤠यहीं रहता 🙌था
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कहीं कोई😇 है जो 😎लफ्ज़-ए-दुनिया🌍 चला रहा 🤗है वही🤠 खुदा है😉 कि होकर 🤠गायब 💯कमाल हमें ❤️दिखा रहा🙌 है वही 🤠खुदा है🔥 रिजाएँ 🤠पहुंचा 🤗रहा है🤗 गहरे समुन्दर 😍में चमकते 😊मोती योंको 💯सीपी 😇 बना🙌 रहा है 🔥वही खुदा😊 है जो😤 बनके बादल😎 ज़मीन को😉 सींचे ज़मीन💯 पर बरसे😉 उगाएं सब्ज़ी💯 जो कच्ची 🤗फसलों 😍को धूप😊 बनकर🙌 पका रहा 😉है वही 🤠खुदा है 💯कभी पहाड़ों☺️ की😤 चोटियों 😎से कभी 🔥समंदर के💯 साहिलों🤠 से बगैर 🤗बोले जो 🤠अपनी ☺️जानिब🤗 बुला 🤝रहा है 🙌वही खुदा 😍है
आसमानों 🤗से जमीं😇 को 😎मिलाने 😉वाले झूठे 😏होते है🙌 ये तकदीर🤠 बताने😎 वाले💯 अब तो😇 मर जाता है🔥 रिश्ता ही😏 बुरे 🤠वक्तों पर😤 पहले तो😎 मर 🤗जाते थे 😍रिश्ता निभाने😊 वालों पर 🤠जो तेरे👩⚕️ ऐब❤️ बताता है😊 उसे मत ❌खोना 😇अब कहाँ 🤗मिलते है 😎आईना 😤दिखाने वाले🔥 टूट कर 😊भी मुक्कमल🤠 भारत हूं 😤मैं कट 😏गए खुद 🔥ही मुझे💯 तोड़ के ☺️जाने 😎वाले
बदन 🤗की 👩⚕️राख 😇में एक ❤️दिल ही 😎था जिसमें☺️ हरारत🙌 थी सब ❤️दिल से😤 आग 😍लेके😎 खुदको 🔥चिंगारी 😇किया☺️ मैने, हाल 😊दिलका 😎उसे 🙌सुनाते 🤠हुए रो😉 पड़ा 😎था मैं 😇मुस्कुराते ❌हुए 🔥न आग😏 मेरी थी ❌न धुआं😊 मेरा था😇 मैं जल🔥 पड़ा था😤 उसे बुझाते😎 हुए 😍भीगती🤠 जा😤 रही थी👩⚕️ एक लडक़ी 🤠बारिशों😊 में नशा💯 मिलाते😍 हुए 😊आसमां तक 😎चला गया🤝 था मैं एक😉 दिन रास्ता🤗 बनाते🤠 हुए
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Shakeel Azmi Sahab ki behtareen najm |
मिट्टी😏 के 😎रंग रूप😉 में 🤠ढल जाना 😊चाहिए😇 मौसम🤝 के साथ🕴️ हमको 💯बदल 😍जाना 🤠चाहिए पत्थर😇 को हाथ🙌 में लिए😊 नजदीक 😎आ गया😉 अब 🔥हमको💯 आईने 😇से निकल 😏जाना 😎चाहिए हम 🤗लोग न 🤠जाने 😊कैसे 😇मुसाफिर😍 है वरना🤠 यार दो🙌 चार ठोकरों 😤में संभल 🤠जाना 🤗चाहिए
Shakeel Sahab ki sabse pyaari aur anokhi Urdu Shayari
कहीं🤗 यूं न❌ हो कि😎 तेरे हात🙌 में हवा😍 से मिलकर😏 में भड़क😎 उठूं अभी😉 खेल ❌मत मेरी👩⚕️ राख 😎से में🔥 सुलग 🤝रहां हुं ❌बुझा 😇नहीं ये जो❤️ दिल में 🙌दर्द का 🤠राग है 💯ये दबी 🤗हुई कोई😊 आग🔥 है मैं वो 😏जख्म हूं💯 जो 🤗भरा नहीं ❌में वो दाग🤗 हूं जो 😤कभी मिटा ❌नहीं 🕴️मेरी 😇ताज़गी🤗 से डरे😊 हुए है 😏कई पुराने 🌹गुलाब 😇भी मेरे 😎हक़ में लोगों😍 दुआ 🤗करो 👀अभी 😊ठीक से में💯 खिला नहीं ❌ये जो 😉बोतलों 🤠में शराब😎है ये 😤खराब थी ये 🔥खराब है🙌 इसे छोड़ ❤️दे इसे 😉तोड़ दे 😇नादां इंसां ये🤗 किसी 🙌मर्ज की😉 दवा ❌नहीं
में 🤗जिस 🕴️जुनूं के ☺️तहत कैद 🤝में रखा 😇गया हूँ उसी 😤जुनूं से 🔥सेहरा 😎निकालना है 🤗मुझे तेरे🤠 हिसार😍 से घबरा 🤠गया है❤️ दिल मेरा🕴️ अभी💯 मकाम-ए-दरीचा 😊निकालना है 😍मुझे पुराने 😎लोग बड़े😤 मोहतरम ❤️है सुखन 😊में एक नया 😇लहजा🙌 निकालना🔥 है 😎मुझे
दबा 😏हूं जिसमें 😎वो 😊मलबा 🙌निकलना है🤠 मुझे और 💯अपने 😇आप को☺️ जिंदा 😍निकालना 🔥है मुझे 😊जो चांद🌟 ढूंढ रहे 😏है में 😤उनके साथ❌ नहीं क्योंकि 👀एक नया 🤠सवेरा 😏निकालना 😎है मुझे
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जो😇 इस 🤠पैंटीन में✍️ जिस्म 👩⚕️बुर्कशिष है😍 बहोत😤 इसी 🙌में एक 🤠नया चेहरा 😎निकलना है ☺️मुझे यहां 😉से आगे💯 कोई रास्ता ❌नही जाता😊 यहां से😇 आगे 😍का रास्ता 🙌निकालना है🤠 मुझे ये 🕴️मेरी 👀आँखें 😏जहां अश्क ❤️है और😏 जहां न ❌नींदें है 😇यहीं से🤗 ख्वाब 🙌का दरिया 😉निकालना है🕴️ मुझे
कहीं😎 मंदिरों🤠 में दिया❌ नहीं कहीं☺️ मज़्जिदों 😇में दुआ❌ नही मेरे❤️ शहर🙌 में तो है 🔥खुदा बहोत 😉मगर 🕴️आदमी😎 का पता❌ नहीं में💯 भीड़ हूं 😊नहीं में ❌शोर हूं🤠 मैं इसी😤 लिए ☺️कोई 😇और हूं😉 कई रंग 😏आये गए🙌 पर कोई रंग🔥 मुझपर 🕴️चढ़ा ❌नहीं
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Shakeel Azmi Ji ki Shayari Hindi main |
मेरे 😎एतराफ़ 🤠महकता है 🌹गुलाबों की 🤗तरह😉 खूबसूरत😊 है वो 🙌मेरे ख्वाबों 😏की 😎तरह 🤗वहां मीर 😎भी थे गालिब🕴️ भी थे 🤠और इकबाल 💯भी थे😇 वो 🤗कुतुबखाने 😤में बैठा था☺️ किताबों की 😉तरह
हवाएं 🤗शाम से 😎दीवार में☺️ शराफ 🤠आया बदन 💯में जितना 🔥उजाला था 🤠बदन में 😇जितना 😎उजाला ❤️था जहर-ए-नाफ़ 👩⚕️आया ये 😤तजरबा ☺️भी हुआ😏 सर्दियों की😍 रातों 🕴️में, जब मैं🤠 सो गया 💯तो मुझे ☺️ओढ़ने लिहाफ🤠 आया
फलक🤠 को पहले 😎अपनी ☺️खाक पर😇 तारी 🙌किया 😏मैने, फिर 🤝उसके बाद😊 उडने का💯 अमल😏 जारी ❤️किया 😇मैंने, बहोत 😎आसां 🙌था भगवान❤️ बनके रहना😇 जंगल में😍 मगर मैं🤠 मामूली 😎आदमी था😉 खुदको 🌍संसारी 🙌किया मैंने,
मेरे 🤗गुलबदन🌹 किसी 😎शाम आ☺️ मुझे मीत💯 दे मुझे😊 ख्वाब 🤠दे मेरी 🙌चादरों में😉 महक 🤠जरा 🤗मेरे बिस्तरों 💯को गुलाब 😉दे मेरे 😇पास है 😍जो सियहियां उन्हें 👩⚕️तेरी 🔥रोशनी में 😎उंडेल दु😍, करूं 😇आज 😉ऐसा गुनाह 💯में की खुदा🤠 भी मुझको 🤗सवाब 🔥दे
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Shakeel Azmi ki sabse pyaari najm |
रात😎 मरहम 🤠की तरह 😏आती है😤 और हम ☺️जख्म से😊 भर जाते है 🔥अब न वो❌ है और 😎न ❌गली है😏 उसकी 🤠अब ☺️क्या 💯बताएं कि😇 किधर🤗 जाते है❤️वो भी😏 खिड़की 😍पर नजर👩⚕️ आता❌ नहीं हम🤗 भी चुपचाप😇 गुजर जाते 😏है
Shakeel Azmi ki top 10 shayariyan Aur unke viral videos
कल 😊हवां 😎में बिखर😏 गया 😤था ☺️मैं फिर न❌ जाने 🙌किधर 🕴️गया था😎 मैं वो👩⚕️ थी एक😇 खत्म होते 😍रस्ते 😇से उसपे🤠 चलकर 😏ठहर 🙌गया था👩⚕️ मैं उसकी 👀नशीली आखों💯 में एक😎 दरिया था🤠 जिसमे 🙌एक दिन😤 उतर गया 😇था मैं देर 🤗तक उसका👩⚕️ इंतजार किया😊 फिर अकेला 🤠ही घर 😎गया था 🕴️मैं
जब 😉इस🌍 कम्बखत ❤️जहां में 🤗कहीं भी😎 मुझे 🤝जगह ❌नहीं मिली 😇अपनी आँखों👀 में भर ☺️गया था 🤗मैं अपनी 👀नजरों से😎 गिरके 🤗उठ पाना🤠 ऐसा करने🤠 में मर गया था😍 मैं
जड़ों 🤗से भी😤 उखड़कर 😎अपनी 🤠कई 😍लोग😊 जीते😏 है ये ❤️जिंदगी 🤠है उजड़कर ☺️भी लोग 🤗जीते 🙌है उम्मीद ❌मरती नहीं 😇सांस के 😉ठहरने 🔥तक😏 की अपनी💯 मौत से 😎लड़कर भी ☺️लोग जीते😉 हैं कोई 🤠भी गम😎 हो बहोत😇 देर तक❌ नही😏 रहता ❤️मोहब्बत में 😍बिछड़कर 😤भी लोग जीते😇 हैं
बादलों😎 की 🌟तरह 😍बारिश 😇की 😉कहानियों 😊में रहो 👩⚕️तुम मेरा 😉गम हो 😤मेरे आंख😎 के पानी 😍में रहो 🤠मुझको 🕴️मालूम है😎 तुम इश्क़❤️ नही कर❌ सकते 😇तो हवस 😎बनके 🤗मेरे जिस्म🤠 के मानी 😍में रहो❤️ और👩⚕️तुमसे 🤝दोबारा 🤠दोस्ती तो💯 नहीं ❌हो सकती 👩⚕️तुम मेरे 😇साथ 🤗दुश्मन-ए-जानी😎 में रहो 😍ये नई 🤠दिल्ली 👩⚕️तुम्हें रास ❌नही आयेगी😎 लौट 🤗कर आओ😍 मेरी❤️ जान 💯पुरानी में👩⚕️ रहो
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Shakeel Azmi ki najm Hindi main |
इस मतलबी ज़माने में रिश्ते बनाने निकले थे, लेकिन लोग हमें आज़माते चले गये, जितने भी आये गमों के पल जिन्दगी में सभी मुस्कुराते निकल गये, यूं तो हमें मरने की ख्वाइश नहीं थी लेकिन, नजाने किसतरह हम उसको चाहते चाहते मौत की दहलीज पर पहुंच गये.
हम जब कभी उनकी और देख कर मुस्कुराते हैं, वो शरमाकर मुड़ जाते हैं, जनाब यूं तो हमें भी है जिंदगी से बहोत ज्यादा मोहब्बत लेकिन उनको मुस्कुराता देख एक पल में सौ दफा मर जाते हैं.
जब निकले सहारा ढूंढने निकले तो कोई कंधा हमारा न रहा, जिंदगी में मुस्कुराया इतना कि गम का कोई कतरा न रहा, थे कई राज हमारी जिन्दगीनुमा किताब में लेकिन कोई इन्हें ध्यान से पढ़ने वाला न रहा.
मोहब्बत की रस्मों को हमें मत समझाइए, जिन किताबों को पढ़कर इश्क करते है जमाने के लोग वो किताब हमने ही लिखी लिखी है, जरा देखकर समझ जाइये.
क्या हर कहानी में ये जरूरी है कि हर रूहानी आशिक का दिल टूटना चाहिये, चाहें लाख बार दिल टूटे लेकिन हमेशा मोहब्बत की तलाश में रहना चाहिये.
तेरी रोशनी में जिंदगी गुजारना चाहता हूं, है तुझमें कई कमियां लेकिन फिर भी तुझे अपनाना चाहता हूं, ज़्यादा वक्त तो नहीं है मेरे पास इसलिए मरने के बाद भी तुझसे रूहानी मोहब्बत के तालुकात रखना चाहतें हूं.
एक आशिक बनकर तेरी यादों को अपना सहारा बनाऊंगा में, तेरे साथ बिताये हर पल को दिलमें बड़ी खुशी से सजाऊंगा में, यूँ तो मुस्कुराता नहीं कोई मरते वक्त लेकिन अगर रहा तेरा साथ तो दुनिया को हंसते हुए अलविदा कहूंगा में.
तेरी आँखों में जो नूर है उसे कभी खोना मत, लाख रुलाये तुझे ज़माने वाले तो तू मुस्कुराती रहना कभी रोना मत यूँ तो आशिक मोहब्बत में नाकामी के बाद कभी किसी के साथ दिल नहीं लगाते, लेकिन तुम मेरे लिए अपनी जिंदगी के उन अच्छे लोगों को खोना मत.
मेरे हर जख्म पर हंसने वाले मिले, जब ठीक से देखा उन जख्मों की तरफ तो वो भी मुस्कुराने लगे, उसकी बेवफाई के बाद हमने जिंदगी में कभी मुस्कुराया लेकिन खुदकी हालत को देखकर हम भी खिलखिलाने लगे.
तेरी शक्सियत को मैंने कभी नहीं समझा और नाहीं कभी तूने मुझे समझना चाहा, जब आयी मुझपर मुसीबत तो तूने भी मेरा साथ छोड़ना चाहा, हम ज़माने में इश्क के नामपर यूँही बदनाम नहीं हुए साहब जब भी आबाद होने का सोचा उसकी यादों ने बर्बाद करना चाहा.
खुशी के लम्हों में कभी गम नही आया करता, कोई भी शक्स मोहब्बत मे हारकर मुस्कुराया नहीं करता, यूँ तो हर किसी के पास ताकत होती है लेकिन कोई भी बेवजह तकलीफ नहीं दिया करता, लोगों के चेहरों को पढ़ने का हुनर जानलो जनाब क्योंकि हर शख्स बेवफाई की वजह से रोया नहीं करता.
एक चेहरे में हज़ारों चेहरे लिए चलते है ये इंसान गमों में मुस्कुराते और है खुशियों रोते है, समझना काफी पेचीदा है इन्हें ये बेवफाओं की गमों में अपनाते है, और अपने मा बाप के प्यार को ठुकराते है.
आजकल वजह बेवजह ही मुस्कुराते रहते हो, जिंदगी ने कोई खेल खेला है या इश्क में अपनी जिंदगी हार बैठे हो.
किसी की यादों में जीना भी एक खूबसूरत सफर है, इसका लुफ्त उठाना चाहिए, और जो तुम्हारी जिंदगी में बार बार गमों की सौगात लाये उनसे कोसो दूर रहना चाहिए.
मुस्कुराहट लबों पर कब्ज़ा कर बैठी है जब से तुम्हारा दीदार हुआ है, और ये दिल तुम्हें पाने के लिए तबसे बेताब हुआ पड़ा है जब तुमने इसे आजमाया है.
सुकून और चैन की खोज करने निकले थे, की जिंदगी में आकर तुमने भौचाल ला दिया, हम तो जिंगदी के गमों को देखते हुए मर ही गये थे, की तुमने हमारी रूह को चुकमर हमें फिरसे जिंदा कर दिया.
Shakeel Azmi ki nayi Shayari
उसने मुझे यूं बीच मछदार में छोड़ा नजाने उसकी आखिर क्या मजबूरी थी, बहोत सोचने के बाद में पता चला कि उनके नसीब मैं किसी और के साथ जिंदगानी थी.
बिना तुम्हें एक नजर देख होटों से मुस्कुराया नहीं जाता, जिंदगी तो है बहोत खूबसूरत लेकिन तुम्हारे साथ के बिना इसे खूबसूरती के साथ जिया नहीं जाता, मरने की तो बहोत सी कोशिशें जारी है हमारी लेकिन क्या करें बिना उसकी इजाजत के मारा तक नहीं जाता.
हसरतें है दिलमें मौजूद बहोत लेकिन उन्हें कभी पूरा नही कर सकते, वजह तो बहोत है मुस्कुराने की लेकिन कभी मुस्कुरा नहीं सकते, दिल तो बहोत चाहता हैं कि उनके साथ बिताए पलों को फिरसे जियें लेकिन उनको यूँ गैर की बाहों में मुस्कुराता देख जुबां से सच बयान नहीं किया जाता.
मुस्कुराते रहो जिंदगी कभी कभी तो बेहरत रास्ते पर चल पड़ेगी, और अगर रोते रहे हमेशा तो जो चीजें है तुम्हारी जिंदगी में एकदिन वो भी छीन जायेंगी.
उसकी यादों में बसा हु मुझे वहां से निकालना मत, मोहब्बत का सफर करना है तो कमजोर मुसाफिर चुनना मत, जिंदगी हर बार बुरी नहीं बनी रहती बस तुम मुस्कुराना छोड़ना मत.
चर्चों😎 में मज़्जिदों 🙌में शिवालयों💯 में रह😇 गया इंसान 🤗पट के😎 कितने ☺️खयालों🤠 में रह गया🤠 इसबार 👩⚕️उसकी 👀आँखों में 😉इतने सवाल😇 थे में भी💯 एक ❤️सवाल 😏बनके सवालों में🤗 रह गया😍 रास्ते 🤗की धूल 😊चाट गयी🤠 जिस्म का 😎लहु 😍काटों 🙌का ज़हर ❤️पाओं के 🤗छालों में रह😏 गया
मेरे 🤠अजीजों 😎को मेरी 😤कहानी 🙌तुम्हारे😊 नाजुक लबों 💋को चमकते😇 हुए दांतों🕴️ चहकती सुबहों😎 महकती 🤗शामों से 😍मावरा है 🤠न मुझमें😎 रंगों की😇 म्यूसियम ❤️है न ❌देव परियों😊 की दास्तांने 😇है ये जलती😉 बुझती सी 😊राख सिगरेट 💯की हज़ारों 😇छोटे ☺️छोटे 🤠टुकड़े जिनपर 😇तुम चलकर 🕴️आ रहें👩⚕️ हो ये🔥 अलामत है 😍जिंदगी🙌 की जिन्हें😇 में किश्तों 😏में मर 🕴️चुका हूं 🤠मगर ये 😤तय है 😍इसकी खुशबू🌹 तुम्हारे 👩⚕️नथनों😇 को छूते 💯छुते तुम्हारे 😍रूह 🤠से जा 😎मिलेगी ये🔥 जहर पीना😤 पड़ेगा 😇तुमको🤗 जो ऐस्ट्रे में 😎सुलग रहा है
वो 🤗चाहें😎 कोई 🤠आंसू ☺️का कतरा 😊हो जो💯 गिर 🙌गया है👀 पलक 😏से उसे 🤠उठाना😤 क्या 😎और 😍किनारेवाले 😇तो मिलते❤️ बिछड़ते🔥 रहते है🤝 अब 💯इनके 😎वास्ते 🙌दरिया पे 😉पुल बनाना🔥 क्या गले🤠 लगाने 👩⚕️से पहले 😍ये काम 😎करना 🤗था बना😉 लिए 🙌उसे 😄अपनाया ❤️तो फिर😎 उसे🙌 आजमाना🤠 क्या
छुपाई💯 अपनी😤 सारी 🤗मुश्किलें 😉आसां😤 लफ़्ज़ों में 😊बड़ी 🤠हिकमत 😎से अपने 😏फन को 🙌बाज़ारी🤠 किया🤗 मैंने ये 😏शौहरत है 🤠इसे पाने 🔥में काफी😇 वक्त लगता😍 है बहोत 😤गुमनाम होके😎 खुदको😍 अखबारी 😎किया 😉मैंने
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Shakeel Azmi ki Shayari Hindi Mai |
मजहबी 😎अंधेरा 😏है रोशनी 🔥है खतरे में💯 है खुल 🤗के जीने 😍वालों😎 की 👩⚕️जिंदगी 😤है खतरें 😇में आशिकी 😍की राहों 🙌में नफरतों 😏के परचम🤗 है इश्क़ 😍पे है 😊पाबंदी❤️ आशिकी 😇है खतरे 🤝में अब😇 हमारी🤠 बस्ती भी🙌 एक 😑जंगली🔥 इलाका है😊 भीड़ है🤗 दरिंदो 🤠की आदमी😎 खतरे में☺️ हूं बादलों 🤠की साजिश😎 में अब🔥 धुआं 🙌भी शामिल👀 है चाँद 🌟बुझने 🤗वाला है👩⚕️ चांदनी है💯 खतरे में☺️ वक्त ने 😏तुझे नवाज़ा👩⚕️ है मगर 😎वक्त से डर ❤️वरना🤠 बादशाहों 🤗से भी तावां 😇लिया जाता😍 है
ये😎 बात 🤠अलग😉 है कि❤️ तुम न ❌बदलो 😤मगर ये 🌍ज़माना 🤗बदल😊 रहां है 🌹गुलाब 🤝पत्थर में😇 खिल 🤠रहें है चिराग 🙌आंधी में🔥 जल रहा💯 है किसी😍 दीवाने से 😏कम नही ❌है मेरे 🕴️अंदर का🤠 ये😎 आदमी 😊भी इधर 🕴️में 🌹फूलों की😇 छाव में 💯हूं उधर 😉वो काटों में😍 चल रहा 🤠है.
तो दोस्तों आपको हमारी ये शकील आज़मी की शायरियां की ब्लॉग पोस्ट कैसे लगी हमें कॉमेंट कर के जरूर बताएं दोस्तों हमने इस ब्लॉग पोस्ट में कुछ ऐसी अनोखी शायरियां प्रकाशित की है जिन्हें आपने अपनी जिंदगी में कभी नहीं सुना होगा हमने इस शकील आजमी की शायरि की पोस्ट को काफी वक्त लेकर और काफी सोच समझ कर प्रकाशित की है अगर आपको ये शायरी पसंद आती है तो आप इन कविताओं को अपने दोस्तों में भेजकर अपने कविताओं के संग्रह बता कर उन्हें चोंका सकते हो धन्यवाद.
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