इनकी शायरियां अक्सर सुनने वालों के दिलों को छू जाती है दोस्तों वैसे तो अहमद फ़राज़ साहब एक पाकिस्तानी शायर है लेकिन उनके हिंदुस्तान में भी काफी ज्यादा चाहने वाले है जैसे कि आप, दोस्तों अहमद फ़राज़ जी का पूरा नाम सय्यद अहमद शाह है.
दोस्तों इनका जन्म 12 जनवरी 1931 का है (भारत से पाकिस्तान अलग होने से 16 साल पहले) खैबर पख्तूनख्वा में हुआ था जो बटवारे के बाद पाकिस्तान का हिस्सा बना. फ़राज़ की दीवानगी इतनी ज्यादा थी कि उनकी गज़लें सुनने लोग विदेशों से पाकिस्तान आया करते थे.
Most Popular Shayari of Ahmad Faraz | अहमद फ़राज़ की सबसे मशहूर शायरी
सिर्फ 🤗ओ सिर्फ 👩⚕️जिस्म पर 😤लगी चोट ही😏 दर्द की पहचान ❌ही नहीं फ़राज़😎 इश्क़ भी 😍आशिकोंको 🤠बड़ी तकलीफ😑 देता है.
उसकी👩⚕️ बेवफाई 😑की वजह 😉से उसकी 🙌खुदको दरबदर 😤किया मैंने 😎और जब🤗 आबाद हुआ 😇तो उस बेवफा👩⚕️ की जिंदगी🤠 को बर्बाद किया💯 मैंने
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Best Ahmad Faraz ki Shayari |
चलो 🤗हमने भी 😇मान लिया 😏कि हर 🤠किसी से बातचीत💯 करने का😎 हुनर तुम्हे 🙌अच्छे से आता😇 है फ़राज़ 😍मोहब्बत के🤗 लफ्ज़ पे कभी😎 अटको तो😤 बेझिझक😎 हमें याद 🙌कर लेना.
इस😇 से पहले😎 की हम 🙌दोनों के ❤️दिलों से🙌 एकदूसरे 😉के लिए वफ़ा 😍खत्म हो जाये❌, क्यों न 🙌ए दोस्त हम😑 अब बिछड़कर 😤जुदा हो जाये.
हमारे 🤠अपने ही🤗 हमारी दुखती 😤रग पर हाथ 😉रखते हैं, फ़राज़ 😤वरना बेचारे 😏गैरों को 🤔क्या पता😎 कौनसी रग 💯कहांपर है.
अल्लाह 😎भी न बच❌ सका इस 😍इश्क़ के 🤗कानूनों से फ़राज़ 😇 सिर्फ ओ😄 सिर्फ एक👩⚕️ महबूबा के 😏लिए पूरी🌍 कायनात को😎 बना दिया.
इतने 🤠करीब से 👀मेरी आंखों 🤗को मत ❌देख ऐ😇 फ़राज़ इनमें 😎सिर्फ ओ 💯सिर्फ तेरे 👩⚕️ही ख्वाब 😴मिलेंगे.
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ये 👩⚕️तेरी 👀आँखें है 🤗या कोई😎 मछली जो 🙌हर मर्द को 😑देखकर 💯फिसलती है, 😎इतना सबकुछ 😇सहकर भी❤️ मेरे दिल से 👩⚕️तेरे लिए 🤗सिर्फ ओ सिर्फ🤠 अच्छी दुआ 😇ही निकलती😎 है.
वो🤗 रात को🤠 बड़ेही प्यार 😍से चाँद 👀को निहारता 😇है फ़राज़ काश😎 की में 💯भी एक 🔥चगमगाता🤠 सितारा होता.
उस👩⚕️ इंसा से 🤗हमारा रिश्ता😍 बस इतना सा😤 है फ़राज़😇 कि अगर 👩⚕️उसकी आँखों 👀में आंसू आये 💯तो कम्बखत😎 हमें रातों को😴 नींद नहीं ❌आती.
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Ahmad Faraz ki sabse pyaari Shayari |
न ❌हमारे हातों ✍️की लिखावट 😤बदली है 😎और नाहीं ❌हमारा हाल🙌 अब अच्छा😇 है किस🤗 बेगैरत ने कहां 💯था कि ये😏 आने वाला 🤔साल अच्छा है.
अस्मत😎 पर दाग 😇क्या लगा 👩⚕️उस बेचारी 🤗की फ़राज़ 🙌दरिंदे भी😤 उसको बुरा😏 कहने लगे.
फ़राज़🤠 दीवार क्या😤 गिरी मेरे 😎कच्चे हुए😏 पड़े मकान😑 की ज़माने 💯ने तो उन 🙌ईटों अपने😏 आशियाने बना😇 लिए.
हमारी😎 दोस्ती 🤗 भी बड़ी 🤠ताकद रखती है🙌 फ़राज़, जिंदगी 😇के हर उस 💯पल में हम 😎याद आयेंगे, जब🤠 आप हमें 🤠भूलने की🤗 कोशिश 🤔करोगे.
न ❌खूबसूरत 😍पहाड़ों को 🤗और नाहीं❌ प्यारे नज़ारों🙌 को देखते👀 है फ़राज़ 😎बडाही गज़ब 🤠करिश्मा है😇 उसकी शक्सियत💯 में, सफर की🤗 हर घड़ी में 😎हम सिर्फ ओ👩⚕️ सिर्फ उसे 😍ही देखते 👀है.
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Ahmad Faraz ki Shayari |
फ़राज़😇 कुरबतों में😉 भी चाहे😎 कई गुना 😍खूबसूरती हो🙌 लेकिन हमारे 😏बीच की दूरियों😍 में भी दिलकशी😉 बाकी है🤠 अभी
जब 🤗कभी तुम्हे 😇वक्त मिले 😉बेजीझक हमें 🤠याद कर लेना 😎फ़राज़, बडीही 💯यादगार यादें 🤔होती है हम😇 जैसे फकीरों 😉की.
मेरी 😎सूरत की 🙌सिलवटों 😤को देखकर 👩⚕️तुम्हे इतनी😏 हैरत है क्यों🤔 इस कम्बखत 💯जिंदगी ने 😎मुझे तुमसे 👩⚕️कई गुना ज्यादा🤗 पढ़ा है.
जिस 🤗भी पल🙌 तेरी यादों 👩⚕️को अपने🤔 जेहन से निकालने 😎की सोचता हूं,😤 फ़राज़ ये 😏कम्बखत दिल❤️ अक्सर धड़कना🤠 बंद कर देता ❌है.
हर 🤗इश्क़ की😍 कहानी अलग 🤠होती है, फ़राज़ 😉कोई इश्क़😤 में टूट कर 🙌चाहता है 😉तो कोई बेचारा😎 चाह कर टूटता😤 है.
फ़राज़,🤗 अगर अपनी😎 आखों में 👀शर्म ओ पर्दा ❤️दिल का ही 😇बहोत होता 💯है, वरना अक्सर 😏नकाबों के अंदर 😎से भी होते हैं🙌 इशारे.
उसकी👩⚕️ आँखें अक्सर 🤗हमें एक सुहानी 💯खुशबू की😎 तरह लगती🤠 है, जैसे की🙌 फूल सेहरा 😄में खिलते है.
तू 👩⚕️सच्ची शिद्दत😍 से इश्क़🤠 में कोई 😎चाल तो चल😉 फ़राज़ हार 😉कर मुस्कुराने 🙌का 😄जज्बा बखूबी 😎है मुझमें.
अब😎 तेरे लिए 👩⚕️क्यों किसी 🙌और से दिल❤️ का रिश्ता 🤠बनाये हम 😎फ़राज़ बेहतर 💯तो यही 🤗होगा कि तुझे 👩⚕️भूल जाएं😤 हम.
Love selected Shayari images of Ahmad Faraz | अहमद फ़राज़ की रेख्ता मुशायरे में पेश की गई चुनिंदा शायरीयोंकी तस्वीरें.
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Ahmad Faraz ki gazal |
बडाही 😇अजीब है😏 उसकी 👩⚕️सूरत का😉 दीदार फ़राज़,😤 कम्बखत जितना 🤠भी देखो 🙌कभी इस दिल❤️ की हसरत ❌नहीं मिटती.
इस 😇जमाने से🤗 रूठने का😤 हुनर बेशक 🙌हमें भी खूब 💯आता है फ़राज़,😎 काश इस 🌍जहां में होता 🤠हमें रूठने😏 पर मनाने 👩⚕️वाला.
आज🤗 आखिर😤 क्या तूने😏 अपने 👩⚕️आखों में🙌 काजल 😉की परत उतारी💯 है फ़राज़ 🤠जिसे देखकर मेरी 😍रूह ने मात 💯खाई है.
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Ahmad Faraz ki gazal |
आखिरकार 😇कितने लोगों🤠 से किये💯 है जिंदगी😏 गुजारने के 🙌वादे फ़राज़ हर 😎सुबह एक🤗 नया चेहरा😤 तुझे ढूंढने👩⚕️ आता है.
हमसे 😇जुदा होकर🙌 तू भी 🤗तो रोयेगा🤠 ता उम्र सिर्फ 😤यह सोचकर💯 कि हम भी😏 कभी तेरे 😑खाबो खयालों में😏 हो.
काश 🤗उसके लौट 👩⚕️आने पर 😇उसे अपना🤠 लेता फ़राज़ 😍मोहब्बत और 😎अना की जंग में😤 हरदफ़ा जुदाई 🙌ही जीतती😑 है.
उससे 👩⚕️जब हम 😇जुदा हुए तब🤗 कहीं जाकर😎 पता चला 🤠फ़राज़ कि😏 मौत नाम 💯की भी एक 🙌चीज़ होती है, 🤗असल जिंदगी 🤠तो वो थी 😇जिसमें हम😎 उम्रें बिता आये.
हमसे🤠 बिछड़कर 😇जिंदगी में 🤗कबिभी मजा ❌नहीं आएगा 😍मोहब्बत का 🙌तुम्हे, फ़राज़ ज़माने 💯भर से कहोगे 😍की मोहब्बत 😤करो मुझसे उसकी 👩⚕️तरह.
कुछ😉 इस तरह 🤠गुजरी है😤 यह कम्बखत 😑जिंदगी फ़राज़ ता😏 उम्र खुदका💯 मकान 😤समझकर😏 किसी दूसरे के🙌 घर में रहा.
दोस्तों अहमद फ़राज़ की शायरी सिर्फ ओ सिर्फ पाकिस्तान और हिंदुस्तान में ही नही बल्कि विदेशों भी काफी ज्यादा लोकप्रिय थी, दोस्तों जब भी कभी मुशायरा होता था उन्हें सबसे ऊंचा दर्जा दिया जाता था दोस्तों वैसे तो अहमद फ़राज़ की शायरि योंका कोई मुकाबला नहीं था लेकिन लोग उनकी तुलना अक्सर बशीर बद्र की शायरी योंसे किया करते थे क्योंकि बशीर बद्र साहब भी उस जमाने में काफी ज्यादा लोकप्रिय शायर थे,
तो दोस्तों अब बात करतें है उनके निजी जीवन के बारे में तो दोस्तों अहमद फ़राज़ को बचपन से ग़ज़ल और शायरियां सुनने का शौक था उन्हें मिर्जा गालिब की शायरियां बहोत पसंद थी फिर कुछ साल शायरियां पढ़कर उन्होंने खुदसे शायरियां और ग़जल लिखना शुरू कर दिया उनकी पहली लिखी हुई ग़ज़ल का नाम था तन्हा तन्हा उनकी यह ग़ज़ल उस ज़माने में काफी ज्यादा लोकप्रिय भी हुई,
उसके बाद अहमद फ़राज़ की शायरि यों का सिलसिला यूँही जारी रहा दोस्तों प्यार और प्रकृति की सुंदरता के एहसासों को शब्दों में उतारने में उन्हें महारत हासिल थी, दोस्तों जनाब अहमद फ़राज़ के डिग्री की बात करें तो उन्होंने Edwardes कॉलेज जो कि पेशावर मैं स्थित है वहां से उर्दू में मास्टर्स डिग्री को हासिल किया और पेशावर विश्विद्यालय से फारसी में भी डिग्री हासिल की.
दोस्तों अहमद फ़राज़ की शायरियोंकी सिर्फ किताबें ही नहीं छपा करती थी उनकी शायरी और गज़लों का इस्तेमाल पाकिस्तान के कई मशहूर गायक अपने गानों में करते थे जिसमें जनाब मेहेंदी हसन और नूरजहां जैसे दिग्गज गायक थे,
दोस्तों फ़राज़ साहब की जिंदगी में कई उतार चङाव आये जैसे की उन्हें कई देशों में पाकिस्तान की शान बढ़ाने के लिए भेजा गया जैसे कि यूरोप, ब्रिटेन और कनाडा जहां उनको पाकिस्तान अकादमी के चेयरमैन और और बाद में इस्लामाबाद स्थित नेशनल बुक फाउंडेशन के चेयरपर्सन के रूप में कई वर्षों तक नियुक्त किया गया.
इतनी सफलता हासिल करने के बाद फिर उनकी जिंदगी ने एक अलग मोड़ लिया जनरल जिया उल हक के शासन के वक्त उन्हे जेल में रक्खा गया उनपर यह आरोप था कि वो अपनी शायरियों से सैनिकों का मजाक बनाते है और उनकी आलोचना करते है.
फिर 25 ऑगस्ट 2008 में उनकी मौत की खबर आई जीसने शायरि के दीवानों का दिल तोड दिया जी हां दोस्तों वो खबर उनके मौत की थी उनकी मौत किडनी फैल होने से हुई उनका अंतिम संस्कार अगले दिन की शाम यानी 26 अगस्त को पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित एच -8 ग्रेवयार्ड में कई प्रशंसकों और सरकारी अधिकारियों के बीच हुआ.
Worldwide popular gazal of Ahmad Faraz in Hindi | दुनियाभर में मशहूर दिल को छू जाने वाली अहमद फ़राज़ की ग़ज़लें.
चिड़ियाओं 😎के साथ हो🙌 कर कभी🤗 बांज जैसा🤠 ऊंचा उड़ने 😴के ख्वाब मत❌ देखा करो🤗 फ़राज़ बेहतर यही 😉होगा कि 🤗खुदको अच्छी😎 संगत में💯 रख्खा करो.
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Ahmad Faraz ki Shayari ya |
मुझे 😇पता ही ❌नहीं है 😍खूबसूरती की😏 पहचान फ़राज़ 👀मेरी नजर में 🙌सिर्फ ओ 😎सिर्फ वही 😍खूबसूरत है🙌 जो तेरी 👩⚕️तरह हो.
हर 😇पल जो😉 हमारी 😎हर खुशी 🤗हर दुख😤 में साथ रहते🤠 थे फ़राज़, 💯वो ता उम्र 🙌आबाद रहते 😇है.
उसकी 😇जुदाई ने 😉मुझे जिंदगी 🙌की हर🤠 एक सिख दी🤗 है फ़राज़ 💯आजकल कोने😏 में घंटों 😤रोता हूं, लेकिन🙌 कबिभी किसीकी❌ शिकायत नहीं करता.
फ़राज़😇 सिर्फ 😉ओ सिर्फ 😎यह कहकर 🤠मेरे हत्यारे🙌 मुझे जिंदा 😑छोड़ गए, कि💯 तेरे गम ही 😤काफी है तेरी जान😤 लेने के लिए.
उसके👩⚕️ दिल में ❤️एक ग़ज़ 🙌जगह नहीं ❌बना सका फ़राज़😤 जिसे 💯खुदकी जान से🤠 भी ज्यादा 😍चाहता 😤था.
वो 👩⚕️हरदफ़ा अपनी👀 आंखों के 😤आंसू बहाने से💯 पहले एक 🤠कंधा ढूंढती है 🤔फ़राज़, ए खुदा 🙌आज उसको 😎इतने गम दे😇 कि वो 🤔कंधा ढूंढती 💯ढूंढती सीधा मेरे 😎पते आये.
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Ahmad Faraz ki Shayari ya |
ये 👩⚕️वही शख्स 🙌है फ़राज़ जो😇 किसी 😎जमाने में तुझसे 👩⚕️कहता था 💯कि अगर 😤तुझसे बिछड़ा😏 तो जी ❌नही पायेगा 👀आँखें खोल 😑और देख 👩⚕️वो कम्बखत 😤अब भी जिंदा 😏है किसि 💯और से वही लाइन 🙌कहने के लिये.
कुछ 😇इस कदर 🤗मधहोश हूं 👩⚕️तेरी आँखों👀 को देखकर 🙌फ़राज़ की 😎उम्र भर 🤠अब किसी 😉और नशे जरूरत ❌नहीं पड़ेगी
तुम्हारी👩⚕️ नजरों में 👀भलेही हम😤 जैसे हज़ारों🙌 है फ़राज़ 😎लेकिन हमारी👀 नजरों में 🤗सिर्फ ओ 😇सिर्फ तुम 👩⚕️एक हो.
मेरी🤗 सुनी रात 🙌सी जिंदगी 😤में सुबह की😎 चहलपहल 💯बनकर आ😍, मेरे दिल ❤️को फिर एक😑 दफा 😉अपना बनाने😎 के लिए आ
इस 😇कम्बखत जिंदगी 😉से सिर्फ 🙌ओ सिर्फ 🤠यही एक गिला 🙌है मुझे. 😎तुझ जैसा😉 खूबसूरत 💯हमसफर 😉बहोत देर बाद🤗 मिला है 😎मुझे.
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Ahmad Faraz ki sabse anokhi aur pyaari Shayari |
अगर 🤠इस दफा 😇हम बिछड़े तो😎 सीधा एक 🙌दूसरे की 🤔यादों में मिलेंगे 💯फ़राज़ दो 🙌प्यारे फूल😇 मुरझाकर 😏सीधा किताबों 💯में दबे मिलेंगे.
Two lines Shayari of Ahmad Faraz | अहमद फ़राज़ की दो लाइन शायरी हिंदी में
मेरे😎 इस दिल❤️ को तेरी 👩⚕️मोहब्बत पे😍 भरोसा😉 बेशुमार है,😇 कभी तुझसे 😏बिछड़ने का😤 ख्याल ❤️दिल में ❌नही आता, 😎फ़राज़ 🤗मुसीबतें 🙌तो बहोत😎 है इस कम्बखत💯 जिंदगी में लेकिन 👩⚕️तेरी आँखों 👀से कभी ❌नूर नहीं जाता.
मेरे😇 सामने न❌हीं आ 🙌सकती तो😉 कमसे कम 😎मेरे ख्वाबों 😴में तो आ, 🤠आखिर ज़माने 😉भर में किसे💯 किसे 🤗बतायेंगे हम 😄ये तेरे हमसे😎 बिछड़ने की 😇वजह चल 🤠माना कि तू 👩⚕️मुझसे खफा 😤है लेकिन 🙌कम से कम 😎इस कम्बखत 🌍ज़माने के लिए💯 तो 😇आ.
जब 😇हम साथ 😎थे तब हमने🙌 सिर्फ दिन 😤ही नहीं❌ काटे काटी 🤗हमने सदियां 😉थी, अब 🤠कही जाकर🙌 पता चल 💯रहा है🤗 मुझे तू 👩⚕️अपनेआप में😎 अकेला नहीं ❌था तुझमें तो👩⚕️ सारी दुनिया 🌍थी.
तुम 👩⚕️गैरों को 😎भी अपना 😇मानते हो, 💯फ़राज़ लेकिन 😉याद रखो 🤗हर यार 🙌होता नहीं ❌कभी हर😤 शख्स हाथ🙌 मिलाने 😤वाला.
ए 😏जिंदगी युंही😑 बेवजह ❌मत डराया😤 कर उसे👩⚕️ वो कमजोर 🙌है दिलका ❤️डर जायेगा, 😎फ़राज़ यूं अपनी😇 सूरत को🙌 हमारी नज़रों 😉से दूर मत ❌कर इस 🤗कम्बखत वक्त🤠 का क्या 😎हर पल युंही🤔 गुज़रता है गुजर💯 जायेगा.
कुछ 😇लोगों को😎 बस अपने 😑घर की 😉दहलीज पार🤗 कर ही 🙌मिल गयी 🤠अपनी मंज़िल💯 और कुछ😍 लोग हमारी😎 ता उम्र बस 😤सफर ही करते😏 रहें.
अगर 😎तुझे मेरे 😍जिंदगी का😤 हिस्सा बनना😉 ही है तो 🤠चल तेरे👩⚕️ लिए में हाथ🙌 बढ़ाने के 😉लिए तैयार हूं दोस्ती😍 का, बहोत🤠 जी ली 😎जिंदगी अकेलेपन🙌 की धूप 😇में लेकिन 😤अब चाहता 💯हूं में मौसम🌊 मोहब्बत की😍 बरसात का.
और🤗 कितना 😎ज्यादा प्यार 😍चाहिए तुझे👩⚕️ ए फ़राज़ 💯तेरी एक 👀झलक देख 🙌माँ ने बच्चों😉 के नाम तक 🤗सोच लिये.
इस 😎कम्बखत 😇जिंदगी में 👩⚕️तुझे भूलने 😑की फुरसत 😏कहाँ फ़राज़ 💯क्योंकि मेरा😎 सारा वक्त😉 तुझसे मोहब्बत😍 करने में जो 🤗जाता है.
ये 😤कम्बखत ❤️दिल भी 😎बड़ा पागल है😇 इसे उस👩⚕️ शख्स से 🤗रिश्ता है 💯जो कभी किसी 😉और का न❌ होने दे और 🙌बनाकर अपना 😎भी न❌ रख्खे.
फ़राज़😎 हमने भी🙌 अब एक 🤗अरसे बंदगी😏 को छोड़ ❌दिया है, आखिरकार😤 क्या करें 🤔जब लोग💯 खुदा बनने 😤लग जायें.
फ़राज़ 😉किसी से 🤠सुना है कि 🙌उसकी 👩⚕️खूबसूरती कुछ ऐसी 😍है कि सूरत🤗 देखकर 😇फूल महकना 🙌और परिंदे 😉चहकना बंद कर ❌देते है.
इस 😎ज़माने 🤠के गमों💯 को उसकी👩⚕️ यादों में 😉शामिल करलो 😇फ़राज़ अक्सर 🙌नशा बढ़ 😑जाता है जब एक 💯शराब दूसरी शराब😍 में मिले
उसकी👩⚕️ यादों में 🤔दिन रात 😤सब सुना सा😑 हुआ, और 👩⚕️उसको किसी💯 और का 😏होने में 😎थोड़ा बहोत🤗 वक्त भी ❌नहीं हुआ, चलो 🙌छोड़ो उस 🤠से बिछड़के 😇मुझे एक 😉जमाना हुआ🙌, निकालो 😇इसे अपनी 🤔यादों से ये 🙌किस्सा अब💯 बहोत पुराना 😎हुआ.
कुछ😎 इस कदर 🤗हावी थी 😑शिफायतें कम्बखत 😤जुदाई की 🙌जिंदगी में😉 पहली बार😏 उस हसीं 👩⚕️से बेवफाई😤 की 💯मैंने.
महफ़िल 😎में तो चल😇 ही रहा था🤗 किस्सा ज़माने 😑की बेवफ़ाई 🙌का न जाने❌ क्यों आ 😑गया ख्याल ❤️दिल में 😇तेरी परछाई😎 का.
उसकी 👩⚕️बातें अच्छी🤗 लगी उसका😇 हुस्न-ए-दीदार😍 अच्छा 😎लगा ईस 💯सुनी जिंदगी 🤠में सिर्फ ओ😑 सिर्फ वही🤗 शख्स हमें😎 अच्छा💯 लगा.
यूं जिंदगी 🤠भर कौन🤔 निभाता है 😤तालुकात इतने 🙌ये मेरी 😇जान के 💯कातिल 😎खुदा तुझे🤗 सलामत रखें.
आखिर 🤠किस तरह 🙌समझाऊं 😤फ़राज़ इस❤️ नादां दिल 😏को की सुबह🤗 को देखा 💯हर सपना 😉सच नहीं ❌होता, ठीक🙌 उसी तरह🤗 जैसे किसी 😉से इश्क़ करने 😇से कोई अपना ❌नहीं होता.
तेरे 👩⚕️नाम पर 🤠अब हम 😇अक्सर अपने 🤗कानों को बंद ❌करते है, फ़राज़ 🙌नजाने कितनी 😎ख्वाइश हुआ करती 😉थी किसी 🤠जमाने में तेरा👩⚕️ नाम सुनने 🤗की.
ये😎 दोस्त बनकर 🙌है आपके पैरों 😇को खींचने 💯वाले, चेहरे 😉बदले लेकिन 🤠अंदाज़ वही💯 ज़माने वाले.
आ 😇गया फिरसे😎 तेरी जुबां 👩⚕️पर फिरसे 😏उस बेवफा 😤का नाम💯 फ़राज़ 🤗कितनी 🤠बार कहूं 😉छोड़ ये बातें🤗 अब.
तुझसे👩⚕️ राब्ता करने 🤠की घड़ी 😎अब आयी है😇 बहोत हो💯 लिए आबाद 😉फ़राज़ अब 😤बर्बादी की 😏घड़ी आयी😎 है
बडाही😎 आसान 🤠था तेरी👩⚕️ बेवफ़ाई में 🤗मरना ए👩⚕️ हसीं लेकिन💯 फिर भी एक😇 अरसा लग😎 गया जान😏 जाते जाते.
जिंदगी 😇जीना 😎तो उसे ही👩⚕️ आता था😏फ़राज़ हम तो 😤बेवजह ही😏 उसके लिए मरते💯 रहे.
Ahmad Faraz most favourite gazal Urdu | उर्दू में अहमद फ़राज़ की सबसे मशहूर ग़ज़ल
सुबह😉 की 😎चहलपहल में 🤠तूने किया है 🤗जादू गज़ब 💯अब तो हमें 🌍ये दुनिया ही🤗 शांत लग रही😍 है.
उसकी 👩⚕️बेवफ़ाई ने😏 ऐसा अंधेरा🤠 कर दिया है 😎हमारे जिंदगी में😇 फ़राज़ की 😏अब हम दिन 💯में भी😑 दिया जलाए 🔥रखते है.
ए 🌍दुनिया 😎वालों में तो🤠 बस मोहब्बत का😍 तलबगार हूं 🙌लेकिन जिस से😎 भी वफ़ा 😇करता हूं💯 उसके हातों😇 को में थामता हूं🤔 वो अक्सर हवा 😎हो😍 जाता है.
तुझसे 👩⚕️मोहब्बत कर 🤗जो बेवकूफी😎 की थी 😍मुझे वही बातें 😇सुनाने आये,🤠 वो दोस्त थे🙌 मेरे भला😑 सोचते हैं 🤗लेकिन तेरी 😤बेवफाई की 🙌दास्तां सुनाकर💯 वो मेरा ❤️दिल में तेरे लिये 😉और ज़्यादा😍 बुराइयां गिना✍️ पाये.
धुंध 😏उजड़े हुए 🤠लोगों में वफ़ा के😍 खूबसूरत मोती😇 शायद ये 😏तुझे कबरों😤 में मिले
फ़राज़🙌 आज 😎और एक 😉साल बीत 💯गया उसके🤗 साथ के 😇बिना जिसके🤠 हमारे साथ 😉होने पर😇 हुआ करते 🤠थे जमाने 😉मेरे.
दोस्तों अगर आपको हमारी यह अहमद फ़राज़ शायरी की ब्लॉग पोस्ट पसंद आती है तो आप हमें कॉमेंट करके जरूर बताएं और अगर आपका कोई करीबी अहमद फ़राज़ की गज़लों के कदरदान हो तो आप उसे भी इस पोस्ट में से शायरियां उन्हें भेज सकते हो धन्यवाद.
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