दोस्तों जनाब तहज़ीब हाफी सिर्फ शायरियोंकी वजह से फेमस नहीं है वो तो अपने टिक टोक वीडियोज की वजह से भी लोकप्रिय है वो पाकिस्तान के इकलौते ऐसे शायर है जिनके टिक टोक ऐप पर 104.572K+ से भी ज्यादा फॉलोवर्स है और उनके इंस्टाग्राम एकाउंट पर 242k+ है और उनके यूट्यूब चैनल पर 400k+ सब्सक्राइबर है इसलिए उन्हें पाकिस्तान में सोशल मीडिया स्टार से जाना जाता है दोस्तों उनपर रिसर्च करने के बाद हमें एहसास हुआ कि वो प्रकृति के से बहोत प्यार करते है.
इसलिए उनकी शायरियां में वो कई बार पेड़, शाख़, झरना, परिंदे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते है. दोस्तों तहज़ीब हाफी जी विदेशों में कई मुशायरे करते है फिर वो सऊदी हो या अमेरिका इत्यादि.
Tehzeeb hafi ki shayari ya hindi main
हटाओं😇 हाथ 🙌आखों 👀 से 😊ये तुम👩⚕️ हो बड़ी🤠 अच्छी🤗 तरह 😇से जानता🤝हूँ मैं 👩⚕️तुम्हारी 😍मौजुदगी 😎 को खुशबू🌹 से नहीं ❌आहटों ☺️से पहचानता😎 हूं में😇 भटकता 💯फिर 🤗रहां था😏 गम लिपटकर 🤠मुझसे ये😤 बोला 😉कि कहां 🙌जाऊं 🤗तुझी 😑को शहर 😊भर में 😇जानता 🤠हूं मैं
![]() |
Tehzeeb hafi shayari in hindi |
रात 🤠को दीप 😇की लौ😄 काम नहीं ❌रखी जाती 🤗धुंध में☺️ रोशनी मंद🙌 नहीं ❌रखी जाती 🤗कैसे दरिया😇 की हिफाजत 😄तेरे जिम्मे💯 ठहराऊं तुझसे😊 एक आखँ 👀अगर नम 😑नहीं रखी❌ जाती🤗 इसलिए 😇सब छोड़🤠 के जाने😎 लगे चारगारां 😇ज़ख्म से 😊इज्जत-ए-मरहम❌ नहीं रखी 😊जाती ऐसे 😇कैसे में😎 तुझे चाहने🤗 लग जाऊ 😇भला घर🏠 की बुनियाद😎 तुझे या💯 कदम नहीं ❌रखी 😇जाती
क्या😏 हिंदुस्तान😍 क्या 😤पाकिस्तान 🙌करते 😉हो एक 🤗लकीर 🤠पर क्यों 💯इतना 🤗एतमाद 😎करते हो 🤝हम दोनों 😉कभी 😇साथ ही🔥 रहां ☺️करते थे 🙌 कम्बखत 😑अंग्रेजों के🤗 गुनाहों पर 😤क्यों नाज़☺️ करते 🤗हो
तेरी 👩⚕️कैद 😇से में 🤠यूँही 😏रिहा ❌नहीं हो 🤗रहा अभी ☺️जिंदा 🙌हूं उतने😊 जल्दी 😎फना नहीं ❌हो रहा 😇इस बेरंग 😏जिंदगी ☺️में किसी🤗 का 😉एहसान अदा 😎नहीं हो❌ रहा मेरा😇 मोस्मोस 😍है तो 😏फिर गीला😤 ही 💯फिजूल😑 है तुझे 👩⚕️छूकर भी 🤠अगर 🤝मैं हरा 😎नहीं हो❌ रहा तेरे 🤗जीते जागते 😊अगर कोई😏 मेरे दिल❤️ में है मेरे😇 दोस्त क्या 🤠ये बहोत 😤बुरा ❌नहीं 😏हो रहा ये 😇जो डगमगाने😉 लगी 🤗है तेरे 🔥दिए कि🙌 लौ इसे 😇मेरी मौजुदगी 😎से तो 😊कोई 😑दिक्कत का🤠 एहसास ❌नहीं हो 😎रहा
पगली👩⚕️ सोते 😇हुए भी🤗 जागते रहेंगे 😉हम इन👀 आँखों से👩⚕️ तेरी खूबसूरती 😍को यूंही😎 निहारते💯 रहेंगे हम तू🙌 हमारी 🤠मौजदूगी 😉किसी 😤और जगह🤗 ढूंढता 😎रहेगा 😇लेकिन कहीं😏 और ही 🌹खिलते 😍रहेंगे 😎हम 😉मुसाफिरों 🤠को जरूर 😇अपनी राह💯 बदलनी😑 है लेकिन 🤗पेड़ बनकर 😍तेरी मुसाफिरी😇 का एहसास😉 लेंगे 😎हम
फिर 😎उसके बाद😉 कभी भी💯 हमसे न❌ कहना कि😇 अपना घर🏠 पलटना ठीक😤 है इसी😉 रास्ते से😄 चलते हैं 🙌वैसे भी 😇सुनने में😏 यही आया 🤗है कि😑 रास्ता😇 ठीक है पेड़🙌 से फल 😉गिरे बारिश💯 रुके बादल 😎छठें अच्छा 🤠में ही तो☺️ सबकुछ गलत 🤗करता हूँ 🙌अच्छा ठीक😎 है
पगली👩⚕️ तुझे 😏हासिल 😊करने में 🤗असल 🤠मसला ये है 😎कि हर😉 दिन तुझे👩⚕️ खोने के😇 वस्वसे 🙌होंगे तू 😤इधर देख😍 मुझसे 😎बाते कर 😇यार 😤चश्मे तो🙌 फूटते रहेंगे😉 एक मुद्दत🤠 हुई है🤗 तुझसे मीले🤝 तू तो 😇कहता था😉 कि हमारे ❤️हर दिन 🤗राब्ते 😇होंगे
और😇 फिर मुझे 😎बैठे बैठे😊 एक 🌍मेरी दुनिया 😑बुरी लग😤 गयी जिसको🤗 आबाद करते 😎हुए मेरे 😇मा बाप 💯की जिंदगी🤗 लग गयी सब 😎सवालात🙌 आज़बर थे😇 जो इश्क़ 😎के बाब में💯 मुझसे☺️ पूछे गए पर 😇सिफारिश में 🤠इस मेहमके😍 में किसी🙌 और कि नौकरी 😎लग गयी
में😎 तो 😉अपनी 🤠जिंदगी 😇में आज🙌 पहली 😄दफा 😍शाम को 😏घरवालों के 🏠हालचाल 💯पूछने घर😤 नहीं गया❌ सारी 😎रात मा 👩⚕️की हालत 😉का खौफ❤️ दिलसे नहीं❌ गया बस☺️ एक सवाल 😍है जो🤠 मुझे बरसों😎 से सता🤗 रहा है 😇की में 🙌अपनों की 😉देखभाल 😎छोड़ कर🤗 ये किन 😏बातों में💯 मेरा❤️दिल लग😉 गया
😍🔥👇tehzeeb hafi most popular whatsaap shayari status in hindi👇🔥😍
हा🤗 सही 😎सुना कि☺️ मैंने उस 💯से सच्ची 😍दिललगी ❌नहीं की🤠 अब किसतरह😏 बताऊं की 🤗मेरी 👀आँखों ने 👩⚕️उसकी 👀निगाहों से 😇बात तक ❌नहीं कि 😇अब कहीं ☺️जाकर हमें 🤠पता लगा 😤कि 😇आखिर क्यों🙌 गांव में😏 सैलाब 🤗आया 😎क्योंकि हमने😇 दिल से 💯दरियाओं 😏की इज्जत 😍जो नहीं ❌की
![]() |
Nayi tehzeeb hafi ki shayriyan |
सोचता 🤠हूं आखिर 😇किस 😉रफ्तार से😍 उसने 🙌अपने 🙌आप 🤗को बदला 😉अपने 😎रवैये को😉 बदला👩⚕️ अपने नजरिये 💯को बदला 🤠बादमें 😍अपनी आदतों 😉को बदला ☺️में बेवजह 🤗कहता फिर😇 था लोगों 😍को की😇 मेरा नाम😎 बदल देना🙌 अगर वो😤 शख्स 👩⚕️बदला
तुझे😇 ये 🤗सड़कें 😎भी मेंरे 😍तवस्सुक 😏से जानती😊 है, तुझे 👩⚕️सब ये 🤗इशारे खुले 💯मिलेंगे 😇हमें बदन😄 और 🙌नसीब दोनों 😤सवारने है 👩⚕️हम उसके🤗 माथे 😍का प्यार 🤗लेकर गले 😇मिलेंगे 💯तू जिसतरह 🤠हमें चूमकर😊 देखता है🤠 हाफि हम☺️ एकदिन 😉तेरे बाजुओं😇 में मरे 🔥मिलेंगे
तेरे👩⚕️ बात🤗 करने 😄का लहजा 😎मेरी आखों 👀में क्या😍 बैठ ☺️गया 😇इतनी बारीकी🤗 से देखा 👀तुझे की😎 मेरी 😇आखों का🔥 नींदों से 🙌वास्ता 😇छूट गया☺️ जनाब 😑सिर्फ और 😉सिर्फ 🔥में अकेला❌ नहीं हूं जो 👩⚕️उसकी 😍खूबसूरती🤗 का दिवाना😄 हो जो 😊भी कम्बखत🤠 उस पेड़😎 की छांव😑 में गया🙌 सीधा बैठ 😇गया इतना 🤗मीठा था 😉उसके गुस्से😤 का लहज़ा 😤मत पूछ ❌उसने जिस🤗 भी इन्सान😎 को जलील😏 किया 😄उसने वो 🙌उसके 👩⚕️लफ़्ज़ों 😎का दीवाना 😍बन ☺️गया
ईसे भी पढ़ें : जॉन एलिया की शायरियां
जनाब😇 हमारे 😏साथ को 🙌आज 😍और एक 😎हमदम 🤗छोड़ कर ☺️चला गया ❤️दिल से 🤠आवाज़ आयी 😍कि चलो 😎छोड़ो भी 😄हमारे साथ 🙌ये हादसा कौनसा 😤पहली 😇दफा हुआ 🤗इस जंग 🤠में वो मेरे😍 दुश्मनों के😄 साथ बैठा😇 है किस 😑तरह बताऊं ☺️उसे 😇की बहोत 🤠ही बुरा लगूंगा 😤में उसपर 😎वार करता😍 हुआ
![]() |
Sabse anokhi tahzeeb hafi shayari hindi main |
आखिर 😇किसने 😊उसे 👩⚕️बागीचे से🤠 वापस 💯बुला लिया है ☺️पेड़ों ने 🙌उड़ने 😤का तय 😎किया 😍और परिदों 😉ने मुह 😑बनाया 🤗वो अच्छे से🤠 जानता था😇 की में😎 छूने में 🙌थोड़ा वक्त🤗 लेता हूं 😉तो उसने😄 वस्ल(मिलन) 🤗का दौरानीया 😊बढा लिया 😇है दरख़्त 😄छाओं से😏 हटकर भी 🤠और बहोत 😉कुछ है☺️ ये कैसी💯 चीज़ थी 😤और हमने😎 काम क्या 🔥लिया है
Tehzeeb hafi ki sabse mashhur shayari
ये 😎कौन है 😄जो रास्ते😏 में बैठे है🤗 और 💯मुस्कुराकर 😍चलते 💯हुए मुसाफ़िरों😇 को ❌ गलत रास्ता 😎बताते है 👩⚕️तेरे लगाए 😇हुए कम्बखत 🤗जख्म क्यों ❌नहीं भरते😇 मेरे लगाए 😎हुए पेड़ 🤠तो अक्सर😉 सुख जाते😇 है कोई 🤗दुबारा 😍सफर पर🙌 गया☺️ तो पूछेंगे💯 उससे की🤗 रेल गुजरे 🤠तो हम 😎हाथ क्यों😍 हिलाते🙌 है
क्या 🤠कहने 😎थे उसकी👩⚕️ खूबसूरत 😍बाहों के 😄उसकी 👩⚕️बातें थी 🤗इतनी प्यारी😍 की हर 🤠कोई उसकी 🙌बातों दीवाना 😎हुआ वो😇 मेरे सीने से😉 लग कर 😑रोई कोन 😅था किसकी 😤जगह में 😉आज बुझने 🙌पर रोशन 🔥हुआ तेरे 👩⚕️अपने 🤗तेरी किरणों😇 को तरसते 😇है यहां तू ये 💯किन गलियों में😎 किन लोगों में😉 जा रोशन 🤠हुआ
एक 😇तरफ में 🤠हु की 🤗घरवालों 🏠से कुछ😏 दिनों से 😤नाराजगी है😊 और🤠 एक तरफ 😇तू है जो 😍कि गैरों 😊के बहकावे 🙌में आता😊 है में तुझे 😉अपना☺️ अज़ीज़ 😇समझकर ही😉 तो समझाता🤝 हूं यार तू 💯भी मेरी 😉बातों का बुरा 😤मानता है
![]() |
Tehzeeb hafi ki gazal |
वो👩⚕️ थककर ☺️बैठ गया😇 है या 🤗अभी भी 😄अकेला ही🤠 चल 😇रहां है मुझे 😍उसके हर😎 छुपाए राज़ 😑का अब ☺️पता चल 😊रहा है मेरी🤠 स्याही से लिखा 😇हुआ मिट🙌 रहा है 🤗और उसके 💯कहें अल्फाजों😍 को कोई 😎छाप रहां है🤠 टहलने 🕴️निकला था 😤मैं तब 💯किसीने 😊आहिस्ते से 😄पूछा कि 🔥वक्त कैसा😎 चल रहा है💯 हमने भी 😄हंसते हुए 😑कहां बहोत 🔥बुरा चल 🤗रहा है और🙌 जिसको 😎समझते थे हम🤗 अपना 😤वो हरकोई 😊अब हमें 🙌अचानक 😇से कोई 😎बेगाना लग 😏रहा है
में😎 अपने🤗 सारे काम😑 छोड़ 🙌कर हर😏 पल बड़े☺️ ध्यान से🤗 पढता रहां 😍सफर की 😇दुआ उन 👩⚕️लोगों के ☺️लिए जो 😎मेरे आशियाने 💯को छोड़ 🤠कही 🔥और जा 😇रहें थे वो 🤗मुसाफिरों का😄 काफिला ☺️कुछ पल👩⚕️ तेरी बस्ती में🤗 क्या ठहरा 💯हर मुसाफिर😎 को अपनी🤗 पसंद के 😏ख्वाब आ 🔥रहें थे बगैर 😤पूछे बिहाये😑 गए थे 🤗हम दोनों 🙌कबूल है🤗 बोलते🤠 वक्त होंठ😇 थरथरा रहें 😎थे
पहले🤗 उसकी👩⚕️ खुशबू 🌹में खुदपर😉 तारी की😇 फिर मैंने🤠 उस🌹 फूल से🤗 मिलने की😎 तैयारी की😄 इतना😤 दुख मुझे💯 तेरे 👩⚕️लौट के😍 जाने 😊का 🤠मैने 🏠घर के 💯दरवाजों 😎से तक 😇मोहमारी 😊कि
![]() |
Tehzeeb hafi ki love shayari |
कई 😇दिनों के🤗 बाद दफ्तर😉 आ 😄रहें है हम 😎बड़ी मशक्कत 🤗से एक 💯अजीब-ओ-गरीब😎 सदमे से☺️ बाहर 😑आ रहें 🤗है तेरे 👀आखों के 😇दरिये से🤠 अब दिल ❤️हमारा ऊब 🙌सा गया 😊है अब 👩⚕️तेरी 😍मोहब्बत 😍की बरसात 💯में भी 🔥शोले नजर 🤠आ रहे😎 है कहाँ☺️ सोया है 🙌चौकीदार 😇मेरा ये 😊कैसे लोग 😑अंदर 🤗आया रहें😊 है समंदर💯 कर चुका😏 तस्लीम 🤠हमको ख़ज़ाने 🔥खुद ही ऊपर😇 आ रहें है☺️ यही 🙌एक दिन😇 बचा था😎 देखने को😤 उसे बस 😉में बिठाकर☺️ आ रहें😏 है
इतनी🤠 छोटीसी😇 बात समझने 😑में हो गयी 😏है आखिर💯 हम उस👩⚕️ दिलरुबा ❤️से जीते 😇या हमारी🙌 मोहब्बत की 😍हार हो गयी❌ है में तो 😎अबसे हर😉 साल मै🤗 उड़ते हुए 🐦परिंदों का 🤠दिन खुशियों😎 के साथ😄 मनाऊंगा पास🤠 के जंगल☺️ के साथ ☺️मेरी अच्छी🤗 तरह से💯 बात हो😄 गयी है 😇आखरी ☺️सांस तक😇 रहेगा 😍याद ये 💯मदीने से😑 वापसी 😄का 😍अनोखा 😏सफर में 😇हम्द लिखने ☺️ही लगा🤗 था की☺️ रात हो गयी🤗 है
इसे भी पढ़ें : शकील आज़मी की शायरियां
उसने 👩⚕️अपना 🤗हसीं जिस्म😤 तक मेरे😄 काबू 😉में दिया ❤️दिल ने 🤗इसपर भी🤠 कनात 😇नहीं कि❌ उसको 👩⚕️देखा था 👀जब हालत 😎ने फिर कभी 😍उसकी 👩⚕️ईफाज़त ❌नहीं की 🤠याद भी याद 😎से रखा😄 उसको 🤗भूल 😉जाने में भी💯 गफलत ❌नहीं कि
अगर 🤗तू मुझसे 👩⚕️शर्माती रहेगी😍 मोहब्बत 🤗हात से😉 जाती 🤗रहेगी ये💯 जंगली🌹 फूल मेरे 😎बस में😇 कहां है😏 ये लड़की👩⚕️ यूही 😉जज़्बाती रहेगी😍 तुझे में यूँही😤 छूता 😇रहा तो 🙌तेरे खूबसूरत 🤠जिस्म की😎 ताजगी 🌹हरपल 😑जाती रहेगी 👀आखों को 👩⚕️तू दिखे🤠 या न❌ दिखे लेकिन❤️ दिल में हरपल💯 तेरी तस्वीर😊 छपी रहेगी😇 सासें तो 😎थम जाएगी 💯लेकिन उसकी 👩⚕️रूह से❤️ फिर भी मेरी 🤗आशिकी बनी 😍रहेगी
हम😎 एक 🙌अरसे से 🤗सिर्फ ☺️ओ सिर्फ 😑इसी 😤गम में 😏मशगूल थे😎, उनकी👩⚕️ शक्सियत 🤗वैसी 💯नहीं थी❌ जैसा वो👩⚕️ पेश आ😎 रहे थे🤗 शायद😇 इसी🔥 वजह 😇से मेरा 🙌गांव दौड़ 😑में हारा 😇जो दौड़ 💯सकते थे🤠 वो तो 😊बैसाखियां😄 बना रहे 😇थे
![]() |
Ansuni tehzeeb hafi ki gazal |
तुझे 👩⚕️अपने😎 दिल 😇में भी 😊रखता 😄और उसको🙌 भी अपनी😍 अदाओं💯 से उलझाए 😇रखता अगर🤗 मेरे बस 😉में होता🤗 तो हर 😇किसी की 😍खूबसूरती 💯में चार चांद 😊लगा देता 😎अभी तक 😇तो मैं अपनी 😍ख्वाहिशों 🤗को जिंदगी💯 में उतारकर🙌 खुश हूं 😄पर ये पछतावा😤 नहीं जाता❌ की मुस्ताख़बिल😄 बनाने से ❤️अच्छा था😇 मैं उसे👩⚕️ अपना बना 😍लेता
Kahi na sunai gayi hui tehzeeb hafi ki shayari
इस😇 जहां 🙌को आग🔥 लगे लेकिन🤗 दिया जले😊 ये रात😎 अकेलेपन मै😉 कटे और 😏दिया जले 🔥तुम्हारी 👩⚕️दिली तम्मना🤗 है कि तुमसे😊 अलग होकर🤝 भी में 💯खुश रहूं😇 मतलब 🏠गांव में 🙌तूफान भी 🤗आये और🔥 दिया जले 🤗उसके अल्फाजों😇 में इतना🙌 असर है कि😎 वो दिल ❤️से एक बार 😊रोशणी को😄 याद करें💯 और दिया🔥 जले क्या 🤗मुझसे भी☺️ अजीज है😇 तुम्हें दिए 🙌कि लौ फिर😊 तो मेरा 🤗मजार बनें 🤠और दिया🔥 जले
हमसे 😇तो यूं 🤗अक्सर 😎राब्ता करता😉 है लेकिन🤠 कबिभी💯 बदन की 🙌सरहद को🤗 पार नहीं ❌करता अच्छा 🤠अब समझि🤗 इसका मतलब 😍तू भी हमसे😤 सच्ची❤️ मोहब्बत नहीं❌ करता अगर😊 अपना दुश्मन🙌 ईमानदार हो😊 तो दिल❤️ में सुकुन की 🤗शाम होती😇 है क्योंकि 😑वो कबिभी🤗 पीठ पीछे 🤠वार नहीं❌ करता
शैतान😤 के दिल ❤️पर चलता 😇हूं सीनू में😊 सफर करता 🤗हूं उस 👀आंख का 😎क्या बचता 😊है जिस😇 आंख 👀में, में घर 🏠करता हु जो 👩⚕️मुझमें उतरे 🤠है उनको💯 मेरी लहरों 😄का 😎अंदाज़ा है 😊दरियाओं में😉 उठता बैठता🤠 हूं सैलाब😇 बसर करता ☺️हूं मेरी तन्हाई 😤का असर 😑तुम्हारी बिनाई😏 ले डूबेगा इतने😄 करीब 😑से मत देखो 😇में आंखों 👀पर असर😊 करता😎हुं
सब ☺️परिंदों🐦 से प्यार 😍लूंगा में 😎पेड़ का 🙌रूप धार 🤗लूंगा में😊 तू 👩⚕️निशाने पर 😄आ भी 🙌जाये अगर💯 कोनसा 😊तीर मार 😎लूंगा में
इसे भी पढ़ें : मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरियां
तेरे 👩⚕️तो दिल❤️ में पहले 🤗से डर 🤠था की👩⚕️ तेरी मुखालफत 🙌करुंगा में 😄और अगर 😉अब नहीं ❌कर पाया 🤗तो बहोत ☺️गलत कर🤠 गुजरूंगा 😍मैं कोई😇 जाकर 👩⚕️उस से कहो😊 कि 🙌एहद-ए-तर्के-रस्मो-रा😤 लिख के😊 दे अपनी🤗 हथेली ❤️को काट कर😤 दस्तगत 🙌करुंगा में
गली मोहब्बत की वीरान हो गयी है, जब से तू इन आँखों से दूर हो गयी है, अब तो मेरा किसी भी चीज़ में दिल नहीं लगता, जबसे तुझसे बिछड़ा हूं दिलचस्पी पूरी तरह से खत्म हो गयी है.
तेरी आँखों से पिलाना दिल में कुछ ऐसा बैठ गया, इतनी शराब पी की जिस्म का हर जर्रा मोहब्बत से भर गया, इजहार कभी किया नहीं लेकिन मुझे भी तुझसे बेइंतहा मोहब्बत है, शायद यही मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा जुर्म बन गया.
मोहब्बत में भी इंसान कैसा हो जाता है, हर पल अपने महबूबा के ख्वाबों में खो जाता है, लहजा बडाही सीधा साधा है उसका, और उसी लहजे पर ये दिल अक्सर कुर्बान हो जाता है.
मुझे मिटाने को अपनों की फौज आयी है, उन्हें देखकर आखों से आसुओंकी बरसात आयी है, यूँ तो में कभी झुक नहीं सकता, लेकिन मैंने अपने सामने खड़ी मा पाई है.
रोज ख्वाबों में आकर लौट आने का वादा करती है, वो तो पहले भी करती थी बेवाफ़ाई अब तो मेरी नींद भी मुझे दगाबाजी करती है.
हम दुश्मनों को भी गले से लगा रहे है, और कुछ अपने पीठ पीछे हमें मिटाने के ख्वाब देख रहे हैं.
वो हमसे नफ़रत भी बड़ी शिद्दत से कर रही है, उसकी यही अदा हमें उसका और भी ज्यादा दीवाना कर रही है.
जिंदगी भर तुझे अपनी पलकों पर बिठाउँगा, दुनिया हार कर तुझे जीत जाऊंगा, माना कि ज़माने में कई खूबसूरत लड़कियां है लेकिन सिर्फ तुझे ही में अपनी दुल्हन बनाऊंगा.
उसकी बाहों में अजीब सी खुशबू महसूस होती है, उससे ही सुबह और उसपर ही खत्म हमारी शाम होती थी, बिछड़ गयां हूं उससे फ़ीर भी कोई गम नहीं ज़मानेवालों क्योंकि उसकी यादें आज भी मेरे साथ होती है.
आखिर तुझे कहाँ कहाँ से खुदसे जुदा करूं, तू तो मेरे दिल की धड़कनों में भी बसी बैठी है.
माना कि तुम्हे पाने के हज़ारों लोग ख्वाब देखते है, लेकिन वो हम जैसे नहीं हम तो धड़कती धड़कनों पर भी आपका नाम लिखते है.
बुरे वक्त में भी बड़ी करिश्माई चीज़ मौजूद होती है, कौन अपना और कौन पराया सबकी असलियत चंद पलों में सामने होती है.
हम दुश्मनों को भी अपने गले से लगा रहे है, और कुछ अपने उल्टा हमें ही खाक में मिलाने के ख्वाब देख रहे है.
जिंदगी का आईना भी क्या खूब नजारा दिखा रहा है, दुश्मनों के दिल में प्यार और अपनों के हातो में तलवार दिखा रहा है.
मोहब्बत की है तुझसे ता उम्र निभाऊंगा, तेरे साथ ही दिल में बसी ख्वाहिशें सजाऊंगा, तेरे लिए चाँद तारे तो नहीं तोड़ सकता लेकिन तेरे लिए अपनी जान पर खेल जाऊंगा.
आखिर ये किसतरह का रिश्ता है आपका मेरे साथ, बेवाफ़ाई कर भी वफाई करते हो हमारे साथ.
तहज़ीब जिंदगी ने भी बड़े अच्छे तरीके से आईना दीखाया है, अपनों के हातों में खंजर तो दुश्मनों के दिलमें इज्जत को दिखाया है.
तू झांकता नहीं लेकिन मेरे दिल में आज भी मोहब्बत का सैलाब उमडता है, और जब कभी तू इन हसीन होटों से मुस्कुराती है दिल बागबां हो जाता है.
तुझे अपनी मोहब्बत का किसतरह एहसास दिलाऊं, कम्बखत तुझे देखकर कोई एहसास ज़ाहिर नहीं होता.
जिंदगी😎 भर 🤗सिर्फ फूल 🌹ही भिजवाओगे😇 या खुद🤗 भी कभी 🤝यहां पर 😎आओगे 🤠खुदको 😇आईने में 🤗थोड़ा कम 😇देखा करो 😎वरना किसी 🤗दिन खुदकी 😍खूबसूरती देखकर 💯ही बेहोश हो 😉जाओगे
ये 🤠मैंने कब 😇कहाँ की😎 मेरे हक़ में🤠 फैसला☺️ करें🤗 अगर 😊मुझसे वो 👩⚕️खुश नहीं ❌है तो मुझे😍 जुदा 😉करें में 💯उसके साथ 🤗जिस तरह☺️ गुजरता हूं😄 जिंदगी 😉होना तो😊 यह चाहिए कि🤗 वो मेरा😍 शुक्रिया ☺️अदा 😉करें
अगर🤠 वो अब☺️ घर आये तो😉 उसको 😊घर ठहराना😎 धूप लगे 😇उसको तो💯 तुम बादल 🤠बन जाना😍 जिंदगी 😇तुम्हे दूर😎 से देखते🤗 देखते गुजर😊 रहीं है😄 मर जाना😤 पर किसी 😇के काम न ❌आना😎
Tehzeeb hafi ke jindagi se judi pyaari baatain
तहज़ीब हाफी जी की शायरियोंके दीवाने अक्सर उनकी बायोग्राफी गूगल पर खोजते है, इसलिए हम आपको इस तहज़ीब हाफी की शायरियोंकी ब्लॉग पोस्ट के जरिये उनके निजी जीवन के बारे में बताने वाले है जैसे कि उनका जन्म कहाँ हुआ तो इसका जवाब है कि 5 दिसंबर 1989 को रेट्रा गांवतहसील टुनसा शरीफ (डेरा गाजी खान जिला) पैदा हुआ हुए थे, उनको बचपन से ही शायरियां और गजलें लिखने का शौका था इसलिए उन्होंने बचपन की ही शायरियां लिखना और उन्हें अपने दोस्तों में सुनाना शुरू कर दिया ऐसा करते करते उन्होंने अपने इस शायरियां लिखने के शौक को आगे बढ़ाकर उसे ही अपना व्यवसाय(bussines) बनाया और उस से पैसे कमाना भी शुरू कर दिया.
दोस्तों तहज़ीब हाफी जी के पढ़ाई की बात करे तो उन्होंने मेहरान विश्वविद्यालय से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के बाद बहावलपुर विश्वविद्यालय से उर्दू में एमए किया और आजकल लाहौर में स्थित हैं। दोस्तों हमने इस तहज़ीब हाफी की शायरियां वाली ब्लॉग पोस्ट में कुछ ऐसी अनसुनी शायरियां और गज़लें जोड़ी है जिन्हें आपने पहले कभी नहीं सुना होगा दोस्तों सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि उनके हिंदुस्तान में भी कई चाहने वाले है जो कि उनकी शायरियां और गज़लों के दीवाने है. दोस्तों वैसे तो तहज़ीब हाफी जी की शक्सियत को कोई अवार्ड परिभाषित नहीं कर सकता लेकिन उनको कई अवार्ड्स मिले है जैसे कि बेस्ट शायर ऑफ पाकिस्तान इत्यादि.
हम 🤠 अपने😤 दुख🤗 को गाने🙌 लग गये😉 है, 😇मगर 🤗इसमें जमाने😎 लग गयें 😉है, किसी 🤗की तरबियत 🤠का है😏 तमाशा, ये😤 आंसू 😅मुस्कुराने 🤠 लग गए ☺️है, कहानी💯 रुख 😎बदलना😇 चाहती है,😉 नए किरदार🔥 आने लगे🤠 है, जिन्हें 😉हम मंजिलों🤗 तक लेके 🤝आये अब🤗 वहीं हमें😇 रास्ता 😑बताने लगे 😤है
![]() |
Tehzeeb hafi ki sabse lokpriya love wali shayari |
अपने😇 कदमों🤠 को रखता😍 है अपने 🤗जब अपने😉 रास्तों पर 🤗धीरे धीरे धीरे 🙌तब छठ 😎जाता है गर्द😊 ओबार 😎आहिस्ता 🤠आहिस्ता भरी😅 आखों से😍 दिल ❤️में जाना 😎सैल थोड़ी😉 है चढ़ ये 😉पार करते 😇है आहिस्ता☺️ आहिस्ता नजर 😎आता है 😉तो यूं देख😍 पड़ता हूं मैं🤗 उसको की☺️ चल पड़ता 🤠है कारोबार😎 आहिस्ता ☺️आहिस्त
इसे भी पढ़ें : उर्दू शायरियां
एक😇 शख्स के😎 हातों में 🙌था मेरा 😉खिलना भी🤝 मुरझाना 🤠भी रोता😉 था तो☺️ रात 😄उजड़ जाती😍 हंसता 😎था तो दिन💯 बन जाता 😇था में🤗 रब से राब्ते😑 में रहता 😉मुमकिन हो 🙌कि उस से🔥 राब्ता हो😤 मुझे ☺️हाथ उठाने😎 पड़ते थे तब 😇कहीं जाके वो😎 फ़ोन उठाता😉 था
हमारे😎 इस 😉छोटे से ❤️दिल में ये🤝 तेरे सिवा👩⚕️ आखिर😇 कौन है 🤠पगली तू 😑नहीं है तो😄 आखिर तेरी 👩⚕️जगह कौन😇 है हम 😎सच्चे 😍प्यार में 🤗हारे हुए😤 लोग है 😊जनाब 😤वैसे भी 😍प्यार में
वो👩⚕️तो बहोत 😇ज्यादा 🤗खुश 😄था कि💯 उसने 💯भी अपना ❤️दिल हमें🙌 देकर बदले🤗 में हमारा❤️ दिल मांगा 🙌है मुझे भी😇 दिली खुशी 🤠है कि मैंने ☺️भी एक 💯पत्थर से दूसरे😎 पत्थर बदला😄 है मैने तो😏 भोलेपन 🤠मैं कहा उससे 😇की मेरे लिए 😎खुदको बदलोगे 😍फिर उसने 🤗नजरें बदली😊 और अपना 💯नंबर 😎बदला
तू 😎भी कब 🤠मुझे मेरे😇 मुताबिक दुख 💯दे पाया🤗 किसने 😊भरना था 😏ये पैमाना 🤗अगर खाली 🤠था एक 😇दुख ये की 🤝तू मिलने ❌नहीं आया😇 मुझसे एक 😎दुख ये की😇 उस दिन ☺️मेरे जिंदगी💯 का वो आखिरी 🤗सूरज था
नजाने 🤗आखिर 😎किसतरह 😉के तालुकात है 🤠आपके👩⚕️ हमारे 😍साथ हमें😊 से ही🤝 बिछड़ने 😄का मशवरा😉 हमें 💯ही दे रहे🤠 हो पता नहीं🙌 चल रहातुम😇 हमारे दीवाने 😇हो रहे 🤗हो या हमपर😍 मोहब्बत की ❤️बरसात कर रहें🤠 हो
लोग☺️ तो 🤠अक्सर😏 टूट कर 😤बिखर जाते 🤗है एक🤝 छोटासा 🏠घर बनाने😇 में आखिर 😉तुम तरस❌ क्यों नहीं 😎खाते बस्तियां 🔥जलाने ☺️मैं फाख्ता😇 की मजबूरी😏 ये भी💯 कह नहीं❌ सकती😤 कौन🤠 कम्बखत 🐛सांप रखता🙌 है अपने🤗 हसीं आशियाने😇 में नासमझ😤 लोग ☺️तो हर 😏धड़कते 💯हुए पत्थर 😏को अक्सर❤️ दिल समझते 🙌है उन्हें कौन😎 समझाए 🤠की उम्रें🤝 बीत जाती ❤️है दिल 🤗को ❤️दिल बनाने 😎में
![]() |
Tehzeeb hafi shayari hindi main |
पायल😄 कभी😇 पहने कभी😉 कंगन उसे😎 कहना ले☺️ आये मोहब्बत😍 में नयापन 🙌उसे कहना 💯मैकश कभी 👀आखों के 🤠सहारे नहीं❌ रहते शबनम🤗 कभी नही 😎बर्तन उसे 😇कहना घर💯 बार भुला देती 😑है दरिया🤗 की मोहब्बत 🤠कश्ती में 🔥गुजर आया 😉हूं जिंदगी 🤠उसे 😇कहना
Tehzeeb hafi ki sabse mashhur gazal
- उसकी 👩⚕️नशीली आँखों 👀में जो 😇में मदहोशी🤗 है उसका🙌 नशा😊 बहोत 😄ज्यादा तेज💯 है और 😉तो और 🙌उस 👩⚕️पगली 🤗बचपन 😇से ही 😍निशाना तेज़😤 है जिस 😑भी दरीये🤠 में डूबने को❤️ दिल चाहता 😎है मेरा तब 😇कोई अक्सर 🤗कानों में आकर🔥 कहता है ☺️दरिये 😇की मछलियों🤝 के दांत बहोत ☺️तेज़ है
- जनाब 😇हमें तो 🤠आज मिलना😍 था उससे 👩⚕️वापस बिछड़😉 जाने की 🤝नीयत से 😤हमें कम्बखत 😎आज भी💯 मिलने लेट 🤗पहुंचा 😉है कितना 🤠ज्यादा 😍तेज़ है 😎अब अपना😉 सबकुछ 😇हार के 😊आखिर घूम 🤗फिर के😎 लौट कर 😉आये ही 😇हो ना 😊मेरी किस्मत😍 में, में तो😇 बहोत पहले😤 से कहता🤠 था तुम्हें 😄की ये 🌍मतलबी 🔥दुनिया बहोत 🤠तेज़ है 😇आज👩⚕️ उसके 😍गाल चूमें ☺️है उसके 😇तो अंदाजा🤗 हुआ😍 चाय 😎अच्छी है 😇मगर थोड़ा 😍मीठा तेज़🔥 है
Gazal no 2
- पगली👩⚕️ मेरे बस😎 में नही ❌है वरना😉 तेरी🤠 खुशियों 😍के लिए🤗 अपने 😇हिस्से की 😉मुस्कान काटता 😎तेरी किस्मत🤗 लिखी 💯गयी सजा 😤को हंसते😄 हुए 🤠काटता 😇तूफानों से😉 भी ज्यादा 😎तेज 🙌थी तेरी 👩⚕️कहीं 😏बातें में 🔥तो तेरा 👩⚕️रास्ता तक नहीं❌ काट सकता🤠 था तेरी😏 बात क्या 💯खाक ❌काटता
- जनाब 😎मैंने 🤗भी जिंदगी☺️ शबे-हिर्ज 😇काटी है 😄सब की🔥 तरह 😊वैसे तो🤠 अच्छा🤗 था कि मैं😍 जिंदगी 😇में अपनी 🙌कुछ नया ❌काटता 👩⚕️तेरी मौजूदगी 😊को जताकर 🤗जन्मदिन 😍की मोमबत्तियां💯 बुझाई 😤किसी 🤗और ने 💯तू ही बता😎 आखिर😇 क्या खुशी😄 रह गयी 🔥थी जन्मदिन 🤗की जो 😍में केक 😎काटता 🤗जिंदगी में मेरी😇 कोई भी😇 तो ❌नहीं जो 😉मेरे आवारगी 🤠पर गुस्सा 💯हो जेल में😎 होती तेरी👩⚕️ तस्वीर तो🤠 सदियां 🤗गुनगुनाते हुए😊 सजा 😎 काटता
तिलसमी 🤠चीजों के 😇अक्सर पहलू😉 निकाल💯 लेता है 😊कि पत्थरों😍 पर कभी 🌹फूल नहीं ❌खिलते मगर😉 तू पत्थरों😊 पे अक्सर 🌹फूल उगा😇 देता है है☺️ होशियार 😇है इतना 💯कि बिना 😍कोई हरकत 😎किये अक्सर🤗 अखबार 😇की सुर्खियां 😉बटोरता 😏हैं कोई गली 🤗तेरे मफरुर ए😄 दो जहां 💯की तरफ❌ नहीं निकलती☺️ मगर तू👩⚕️ निकाल🤗 लेता 😎है
क्या 🤠करूँ😇 उसकी 👀आँखों के😎 आगे अंधेरा ❌नहीं देख 😄सकता 🤗था मैं 💯आप कहते😄 रहें कि☺️ गलत आदमी😍 पर पर😎 मेंरी रोशनी 🔥लग गयी☺️ इस 💯से पहले 🤠की में 🤗उस से 👩⚕️मुह फेर😇 लेता😉 की उसे🤠 ख्याल😎 आगया में ☺️चैनल बदलने🤠 की ❤️सोच ही 🤗रहां था☺️ की सनम 🤠बेवफा 😄लग 😉गयी
जो🤠 कुछ🤗 पलों 😉में बन 💯गया था😄 अचानक😎 से वो 🤠किस्सा 😇खत्म हो 🙌गया है आखिर😑 तुमने किसतरह🔥 से तूने 😎यकीन दिलाया😏 की मुगालता☺️ खत्म 😇हो गया💯 है मेरी 😍जबान 😉अक्सर🤠 तेरे होटों😄 पर जाके 🤗फीकी हि 😇लौट आती 😉है कुछ🤝 दिनों से 😄नमक नहीं❌ है तेरे लबों 😎में या 😇जायका 😍खत्म हो 🤝गया 😇है
दोस्तों अगर आपको हमारी यह तहज़ीब हाफी की शायरियां वाली ब्लॉग पोस्ट पसंद आई हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं और हमें यह भी बताएं कि आपको तहज़ीब हाफी की कौनसी शायरी सबसे अच्छी लगी और इस ब्लॉग पोस्ट को अपने उन दोस्तों में भी भेजना जो तहज़ीब हाफी जी के दीवाने है और उनकी गज़लें पढ़ना पसंद करते है.
0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam links and comments