दोस्तों अब बात करतें है उनकी निजी जिंदगी के बारे में तो जनाब वसीम बरेलवी का पूरा नाम जाहिद हुसैन है जो कि एक मुस्लिम समुदाय से थे उनका जन्म 8 फेब्रुवरी 1940 को बरेली (उत्तर प्रदेश ) में हुआ था और उनका बचपन और स्कूली पढ़ाई भी बरेली से ही कि उनको बचपन से ही कविताएं और शायरियां लिखने का बहोत शौक था वो जब कभीभी उनके स्कूल में कोई साहित्य को लेकर प्रतियोगिता होती थी तो जनाब वसीम बरेलवी सबसे पहले उसमें भाग लेते थे, और कई बार वसीम बरेलवी की शायरी यां बाज़ी मार लेती थी.
Waseem barelvi ki shayari hindi mai images ke saath
जिंदगी😉 में क्या गम 😤है बेचारे समुंदर 🌊को किसी से😎 कह भी नहीं ❌सकता, 🤠आसमां की🤗 तरह बारिश🙌 बनकर अपने 😤आंसू बहा भी❌ नहीं सकता, 👩⚕️तू मेरे साथ 🤗को बीच रास्ते😇 में छोड़ रहां 💯है, तो गलती😏 इसमें तेरी👩⚕️ क्या हर 😤ऐरागैरा मेरा 😎साथ उम्र भर🤠 निभा नहीं ❌सकता.
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Waseem barelvi ki shayari |
इस 😇कम्बखत 😑 मतलब🌍 दुनिया में🙌 हर एक🤠 इंसान सिर्फ😉 अपने बारे 😤में ही सोचा 😏जाए, जनाब😎 उम्मीदें करना💯 छोड़ दो ❌रिश्तों से फिर😇 देखो ये जहां 🌍कितना खूबसूरत 😍बन जाये
पगली 👩⚕️तेरी तलाश 😇में इतना😏 अजीब हो💯 चुका हूं मैं, तुझे 😤ढूंढते ढूंढते 😑खुद खो चुका😎 हूं मैं.
मेरी😎 आँखों में जो 👀बसी है तेरी 👩⚕️तस्वीर इसे 😤निकालू कैसे🙌 अब तू ही🤠 बता की तेरी 💯बेवफाई की कीमत में😏 चुकाऊं कैसे
जनाब 😉अपनों को😇 बीच रास्ते 🤗में छोड़कर 😏कहाँ तक जाओगे🤠 मेहनत करके🙌 मंज़िल तो😄 हासिल कर😎 लोगे लेकिन 💯अपनों का साथ 😇और खुशियां 😍कहां से 😤लाओगे
तेरी 👩⚕️खूबसूरती 😍को देखकर❤️ दिल मेरा😇 अक्सर मचल जाता 😉है, अगर 🤗होता ये 😄नशा तो😤 बहोत पहले ही 😏उतर गया होता.
हमारे 😄जिंदगी के😇 घर में हुए 😏सुराखों को🤗 ये कम्बखत जमाने😤कहां समझते है,💯 इन्हें तो बस 😏आता है जोरसे हवाएं😤 चलाना आता है.
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तुझे 👩⚕️खुदसे चुरा 😇कर अपने ❤️दिल में बसा 🤠लेता, अगर मेरे 😏बस में होता 😎तो बेशक तुझे 👩⚕️छूकर खुदको🤗 फनाह कर 😇देता.
जलता🔥 हुआ चिराग 💯चाहे मंदिर 😎को हो या😏 मस्जिफ 😇का बहती हवा 😄के पास 🤠किसी की🤗 पहचान नहीं ❌होती.
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तेरी 👩⚕️यादों के 😉सहारे कुछ 🤗इस कदर😎 जिंदगी जीना💯 सीख गया हूं😇 में, बिना शराब😄 पिये खुदको😏 पिया महसूस 😎कर रहां😇 हु.
जनाब🤠 जमाने के😄 कुछ तानों 🤗ने ही जिनका🙌 रिश्ता तोड़❌ दिया, बेहतर 🤠यही होता 😇कि इतने😏 नाजुक रिश्ते 😎बनाये ही न ❌होते.
मुझे 😇बेवफाओं को 👩⚕️भी वफ़ा😍 सिखाने का 🙌हुनर आता है,😎 में तो वो आसमां💯 हु जिसे सूरज 🤗भी निकलने से🤠 पहले सलाम😉 करता है.
जिंदगी 🤠में कभी 🤗में भी 👩⚕️उसे किसतरह 😉खोया जाए 😇ये सिख नहीं❌ पाया, और🤗 वो भी👩⚕️ शायद💯 कभी मुझे 😎छोड़ जाने 😇की हिम्मत कभी 😏नहीं जुटा ❌पाया.
में 👩⚕️तुझे आखिर 🤗किसतरह 😇बताऊं की 😉अपनेआप 😎को कैसे इस🌍 दुनिया में😤 दरबदर किया मैंने, 😉जिंदगी भर दूसरों🙌 के हिस्से का 😏सफर कीया😑 मैंने, तुझे👩⚕️ अंधेरे में🤗 बैठा देख 😍इन आँखों के👀 आसुओंसे 😤तेरे लिए चिराग🔥 जलाया मैंने😎,
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Waseem barelvi ki shayari |
सिर्फ़🤠 ओ सिर्फ 😇ये ध्यान में🙌 रखकर 🤗दिललगी करो 😍हमसे, हम💯 अक्सर किये 😎वादों पर जिंदगी😇 गुजार लेते🤗 है.
तेरी 👩⚕️बेवफाई का😤 ख्याल जब 😏भी मेरे दिल ❤️में आता है, 🤠अक्सर तूफानों 🌊के लहजे में🤗 हमसे गुफ्तगू🙌 करता है, और 😉जब वो बनकर😎 हवां गायब💯 हो जाता है, ❤️तब दिल हमारा 😎आसमां बनकर 😄घंटो अश्क़ बहाता 😇है.
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अपने🤗 दिल का❤️ दर्द अगर 👩⚕️तुम्हे बताना❌ नहीं आता, 😎तो माफ करना 👩⚕️तुम्हारी आंखों👀 को अपना😤 गम छुपाना❌ नहीं आता, 🤠यूं तो हमारे😎 लिए भी😇 कई लड़कियां 👩⚕️दीवानी बनी😍 बैठी है लेकिन🤠 उनमें से किसी😤 एक को 🙌भी तुम्हारी 👩⚕️कमी को 😉पूरा करने 😎का हुनर नहीं❌ आता...
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Waseem barelvi ki sabse behtareen shayari |
अपनी 😉मंजिल पर 😇पहोंचकर जो🤠 इंसा इतराता 🤗है, कुछ पलों 😏बाद वही खुदको💯 बर्बाद हुआ😤 पाता है
Waseem barelvi ki sabse anokhi shayari jo aajtak kisi mushyare mai nahi padhi gayi
ना ❌चलते चलते 😇गिरने से इसे 🤠मतलब है, और नाही❌ इसे तुम्हारे 🤗जख्मों से😎 मतलब है ये 🌍कम्बखत जमाना💯 है जनाब इसे 😤तो बस 😑तुम्हारे टूटने से😉 मतलब 😇है.
जमाने 😉में झूठ🙌 बोलकर लोग😏 बड़े अच्छे 🤠से रिश्ते निभा😇 रहे हैं, और💯में सच बोलकर😎 बेवजह ही😤 अपने रिश्तों❌ को तोड़ता😄 रहां.
जनाब 😎कितना भी 🤠क्यों न बिगड़😤 जाये इस😉 कम्बखत 🌍दुनिया का चलन, 🤗आज तक😎 हमने कभी😑 सच्चाई से 😇जीतते नहीं ❌देखा झूठ को.
एक 🤠ही साथ मैं 😇अगर करोगे 😉बहोत काम🤗 तो किस्मत 😄कभी साथ ❌नहीं देगी, और😎 अगर जी 😇जान लगाकर 🤗करोगे ख्वाबों 💯को सच तो😉 ये कायनात 🌍कभी तुम्हारे हाथ 🙌खाली नहीं❌ छोड़ेगी.
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उस👩⚕️ बेवफा की 🤗यादों से मुझे 😇तो बस इतनी🤠 सी ही शिकायत💯 है, कि ये😎 मेरी आंखों से👀 बहते हुए🤗 अश्क़ 😎सूखने तक ❌नहीं देते.
अपनी😎 मंजिलों की 🤗हदों को 🙌तोड़ दो,👩⚕️ बेवफाओं से वफ़ा😍 करना छोड़ ❌दो, वो तो😄 अपने मतलब🤠 के लिए 😇जरूर करेंगे तुम्हे💯 अपने करीब, 😇तुम हमेशा के लिए 🤠उनको अपनी👀 नजर से 😉नजरअंदाज 😄कर दो.
तेरी 👩⚕️खूबसूरती 😍को देखकर😇 मैं तेरा 👩⚕️दीवाना सा🤗 हो गया, कहना😎 तो चाहता था 😄मैं बहोत कुछ😉 लेकिन सिर्फ💯 सोचता रह 😤गया, तेरी 👩⚕️नजर में तो😇 आना जरूर 😉चाहता था मैं 😎लेकिन आते 🤗आते रह गया,🤠 जब देखा 👩⚕️तेरी इन 😉नशीली 👀आखों को तो🙌 मैं इनमें मदहोश💯 सा हो गया, 😇उन तूफानों के🤠 इरादे शुरुआत 😎से अच्छे नहीं थे ❌फिर भी उनकी🤗 नजर से😍 ये चिराग कैसे 🔥जलता हुआ रह 🙌गया.
किसी😇 न किसी 🤗दिन उन्हें 😑खाक में तो 😏मिलना ही था🙌, आंसू मेरे👀 कौनसा ऊंचे 😤घराने से थे😏.
मेरे😉 नींदों में 😴अपने ख्वाब😎 रखदो मेरी 🤗सुनी जिंदगी में 🤠अपनी खुशनुमा 💯खुशबू भरदो 😉यूं तो लाखों 😄आशिक है😇 हमारे भी 😎लेकिन इस❤️ दिल में🙌 जो खाली 😏जगह है उसे😍 बस तुम 👩⚕️अपनी😉 मौजूदगी से🤗भरदो.
वो 🤠मुझे नहीं❌ भाता🤗 में उसे नहीं ❌भाता लेकिन🙌 ऐसी इनायतों से😇 रिश्ता मर न❌हीं 💯जाता🤗.
शायद😇 उसकी👩⚕️ बेवफाई से ही😤 हम इस 🌍दुनिया में जाने💯 जायेंगे, वो 😍हंसता खेलता 😄रहेगा किसी😎 और कि🙌 बाहों में और 🤠हम उसके 👩⚕️इंतज़ार में तड़प😤 तड़प कर मर 🔥जायेंगे.
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Waseem barelvi ki shayari ya |
जनाब 😎मुसीबतें तो 😇हर मंज़िल की 😏फितरत है, 😄कोई अपने🤗 मंज़िल को 🙌पाने का 🤠सफर कैसे 😍छोड़ सकता ❌है, तुझसे 👩⚕️वफाई की😍 उम्मीद करना😏 ही बेकार है❌ आखिर कैसे 😄एक गिरगिट😤 अपना रंग बदलना🙌 छोड़ दे, आजतक 😎में कभी 🤗हिम्मत जुटाकर कह😉 पाया नहीं ❌तुझे, लेकिन 🤗तू तो समझदार 😄है मेरे साथ 😍चलना छोड ❌दे.
रात 😏को सोयें 😇तो सुबह की🙌 नज़रों उतर 😤जाते है, जिंदगी 🤠को इतने समझौतों😄 के साथ जीते 😉है कि मर😑 जाते है.
अपनों 😇के सामने 🤠अपने गुरुर 🤗को तोड़ना 😉पड़ता है, और 😎अगर समुन्दर हो 🌊सामने तो 💯एक दरिया😇 होकर 🙌जीना पड़ता😇 है.
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रिश्ते😇 के बीच🤗 दूरी हुई तो👩⚕️उनकी यादों 😍में हम और भी🙌 मशरूफ हुए 😏न जाने कैसे 🤠फासले थे💯 हमारे दरमियां😎 वो जो हमारे 😇बिछड़ने से 🤠और भी कम😎 हुए
आज😇 हमसे मिलने 😎आ ही गये 🙌हो तो कुछ😍 प्यारी प्यारी 🤗हो, आसमां😄 से जमीं🤗 पर चाँद 😇कौनसा 💯रोज़ रोज़ 🤗उतरता है
तो दोस्तों जब उनके अध्यापकों को उनके इस नायाब कौशल का पता चला तो उन्हें शायरी और ग़ज़ल लिखने का सुझाव दिया गया. और जिसे वसीम साहब ने माना भी और साथ ही अपनी पढ़ाई भी करते रहें फिर कुछ सालों बाद यानी 1958 को वसीम साहब ने आगरा विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में अपनी M.A डिग्री पूरी की फिर उन्होंने एक अच्छा कॉलेज ढूंढ कर उसमें सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया.
और फिर कुछ सालों बाद वो वापस बरेली आकर बरेली कॉलेज के उर्दू विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख बन गए. दोस्तों जनाब वसीम बरेवली शायरी छोड़कर बाकी चीजों में भी अपना सिक्का चमकाया है.
जैसे कि वसीम साहब ने उर्दू भाषा के संवर्धन के नेशनल काउंसिल और मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन डेवलोपमेन्ट में सरकार के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया. दोस्तों इन सब के बीच में भी उन्होंने लिखना नहीं छोड़ा था जनाब वसीम बरेलवी शायरी यां और ग़ज़ल प्रकाशित करते रहें जो कि काफी ज्यादा लोकप्रिय भी हुई. दोस्तों इस पोस्ट में हमने ऐसी वसीम बरेलवी की शायरियोंको जोड़ा है जिन्हें आपने पहले कभी नहीं सुनी होंगी.
दोस्तों 1960 का वाक्या है वसीम साहब किसी मुशायरे में गज़लें पढ़ने गये हुए थे तो दर्शकों को जनाब वसीम बरेलवी शायरी यां इतनी ज्यादा पसंद आई कि उन्हें 25 मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन मिला जो कि आज तक किसी शायर के लिए नहीं मिला उस दिन वसीम बरेलवी की ग़ज़ल सुनकर तो दर्शकों में से उठकर सीधा उनके पांव में गिर पड़ा और उनका खुशी से झूमने लगा. इसी चीज़ से आप वसीम बरेलवी जी की शख्सियत अंदाज़ा लगा सकते हैं.
कुछ 🤗ऐसी अदा 😍है उसकी👩⚕️ की हर किसीको😇 वो भाती 😉है, वो इतनी 😇जज्बाती है, 🤠की किसी🙌 अजनबी से 👀आखें तक नहीं ❌मिलाती है, 😄और क्या😎 कहूं उसके 👩⚕️लहज़े के 🤠बारे में जब 😉वो अपनी😇 जुबां से कुछ 💯कहती है तो 🙌सारी महफ़िल 🤗उसकी दीवानी😍 बन जाती है😇.
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Waseem barevli sahab ki gazal |
खुशियों🤗 से भरे 😎घर का 💯भी अपना 😄एक अलग😇 ही नशा होता😉 है शराब खाने में 😤अपनी रातें 😏काटने वाले क्या 😇जानें
Waseem barelvi ki gazal hindi mai jo ki sabse nayab hai
कौन😇 सी शक्सियत 🤠गैर और कौनसी😎 हमारी होती🙌 है ये बातें😉 ऐसी ही नहीं❌ समझती इसके 😇लिए तजुर्बे 🤠की जरूरत 😎पड़ती है.
वो 👩⚕️किसी और 😇 शख्स हुआ, क्या 🤠जो दिल में ❤️ये तूफान 🙌शुरू हुआ, 🤗बहकर निकला वो😎 आखों से👀 आसूं तो 😄उसका सफ़र 😤ख़त्म हुआ, ये 😎बच्चों की 😇मोबाइल की 😉जिद की वजह💯 से उनका हंसता😄 खेलता 😇बचपन खत्म ❌हुआ, अब😉 चला जा 😎मुझे अकेला 😉छोड़ कर जाने 🤗वाले तुझसे👩⚕️ हरपल बिछड़ने 🙌का डर था ❤️जो दिल में वो 💯भी खत्म 😎हुआ.
हमारी😎 जिंदगी 🤗के सभी 😉रिश्ते गुलाब😇 की तरह हमारी😇 जिंदगी ❌नहीं महकाते है, 😤कुछ कम्बखत😏 होते है जो 😎हमारे जख्मों 😑में भी कांटे🤗 पिरो जाते 💯है.
अब😇 तुम्हारी 👀नजरें मेरे🤗 चेहरे से 😎हटें तो बताऊं😍 की महफ़िल में💯 सभी की👀 नजरें तुम्हारी ही 🙌तरफ है.
जिंदगी 😎में कभी 🤗खुदसे गद्दारी न ❌करना, वो 👩⚕️चाहें कीतना 😍भी हसीं हो 😤उस बेवफा से 😍आशिकी मत❌ करना, अपनी😎 आँखों से👀 ख्वाब जरूर👀 देखना और 🤗जब बारे आये😎 उन्हें सच करने🙌 कि तो कबिभी❤️ दिल में कोई 😎हिचकिचाहट मत😄 रखना.
जनाब😎 सिर्फ ओ😇 सिर्फ उसी👩⚕️ को आता 🤗है जिंदगी 😉जीने का 🤠तरीका जो 😄अपनी बातों😎 से लोगों को💯 फ़साता है, 😇ये बड़ा ही🤗 नायाब सा हुनर😉 है, ये हर किसी😎 में थोड़ी होता है.
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अब 😎तुम बताओ 😉की तुमसे 👩⚕️अपने दिल ❤️की बात आखिर 🙌हम छुपाये 😇कैसे, जीना 🤗तो बहोत 😎चाहते हैं 🤠ये जिंदगी 💯लेकिन अब 👩⚕️तुम ही बताओ 🤗तुम्हें किसी और😍 कि बाहों 😇में देखकर खुदको😤 संभाले 😏कैसे
हमें 😎घर में एक 🙌दिन भी 😤रोने का बहाना❌ न मिले, 🤗जब तक 👩⚕️तेरी याद न ❌आये तब तक😇 गले को पानी😉 और पेट को खाना❌ न मिले.
Waseem barelvi ki dil ko chu jane wali pyari shayari
किसीको क्या ही बताएं तकलीफें अपनी, मदत तो नहीं मिलती उल्टा महफिलों में एक मस्करा बन जाते है.
कोई उससे कहो ज़माने को अपनी बेवफाई की सफाई देना बंद करदे, उसके ज़ख्म अबतक दिलमें छपे हुए है.
वैसे तो बस दो लफ्ज़ मोहब्बत के सुनाकर मुझे मार जाओ, वरना ऐसे तो कम्बखत कोई छू भी नहीं सकता.
अदबो अदाब की तो इस जहां में अब कोई जरूरत नहीं, जब तक किसी की मौत न बनो कम्बखत कोई इज्जत नहीं करता.
सच्चाई की राह पर चलकर इंसान बस अपने आसुओंको ही पिता है, असल में वही जिंदगी का लुफ्त उठाता है जो बेईमानी से अपनी जिंदगी को जीता है.
हम तो रात दिन बस उसके ही इंतज़ार में लगे रहते है, लाख कोशिशें करो इनको निकालने की लेकिन उसके गम है जो हमेशा दिल के किसी कोने में दबे रहते है.
अजीब सी जिंदगी में हम उलझनों से घिरे पड़े है, खुशियोंकी सौगात हो या गमों की बारात हम हमेशा तेरे साथ खड़े हैं.
किसी के दिल से जो खिलवाड़ करता है, वो भी कभी न कभी किसी के सामने मोहब्बत में टूट जाता हैं.
उसके यादों का कतरा जब कभी ज़हन में उभरता है, तूफानों की ज़ुबान में ही हमसे राब्ता करता हैं.
ज़मानेवाले मेरा घर ढूंढ रहे हैं, कोई कहों उनसे की तन्हाई और अकेलेपन का कोई ठिकाना नहीं होता.
ज़माने में थोड़ा खुदगर्ज़ होना सिख लो, फिर देखो जिंदगी जीना कितना आसान हो जाएगा.
छोटी छोटी हरकतें करके बड़ा कभी बन न पाओगे, जल्दी से गमों को दिलसे निकाल फेको वरना इन्ही के बोझ तले मारे जाओगे.
में दरबदर उसकी तलाश में फिरता हूं, ये मेरा जुनून है तुम इस नशा मत समझो.
लफ़्ज़ों में कैसे बयान करू की ज़माने में आख़िर किसतरह खुदको दरबदर कियाया मैंने. सारी जिंदगी बस उसी की तलाश में सफर किया मैंने, तू तो मुझसे नफरत भी नहीं कर पाएगी मुझसे जितनी शिद्दत से तुझसे प्यार किया मैंने.
जब तक है सासें तब तक खुलके जीते जायेंगे, वजह उसकी तन्हाई ही होगी जिसकी वजह से हम मारे जाएंगे.
सारे ज़माने में तुझे बर्बाद कर देता, अगर होती मेरी नियत में खोट तो तेरी बेवफाई के किस्सों को सारे जहां में फैला देता.
ज़िन्दगी जीने का हुनर अब मुझे भी आता है, में वो शख्स हूं जो अपने गमों को भी मुस्कुराते हुए अपनाता है.
जिंदगी में वही शक्स आसमां की बुलंदियों को छू जाता है, जो अपने लहज़े में झूठ की मिलावट को मिलाता हैं.
चाहे लाख बदलें रिवायतें ज़माने की लेकिन अब तक झूठ को सच्चाई से जीतते नहीं देखा.
तेरे गमों से तो मुझे बस इतनी सी शिकायत है कि ये कम्बखत आखों से बहते हुए आसुओंको सूखने की भी मोहलत नहीं देते.
ज़िन्दगी में बहोत कुछ अनचाहा हो गया, उससे मोहब्बत करते करते नजाने कब उसका आदि हो गया, उसको बड़े अच्छे से पता थी हालत मेरी, शायद इसी वजह से में जिंदगी में हारता गया.
तुम यूं ख्वाबों में आना बंद करो, नींद एकलौती जगह है जहां पर बिना गम के वक्त बीतता हैं.
तुम अपने होटों से यूं मुस्कुराना बंद करो तो बताऊं की तुम्हे युं मुस्कुराता देख हमारा ये दिल तुम्हारा और भी ज्यादा दीवाना हो रहा है.
Waseem barelvi ki gazal
जिस 🤠पत्थर पे🙌 हमारे उसूलों😇 को आंच😎 आये उसपर😉 टकराना जरूरी😄 है, अपने🤗 हौसलों से💯 ज़माने को😇 वाकिफ कराना😎 जरूरी है, इस🌍 दुनिया की 😑सोच कैसे😉 समझा जाये 😤कहां पर 😄रुकना और कहां से😎 निकलना जरूरी 😉है,
थक🤠 हार कर😴 इंसान 😇जब अपने🤗 घर को 🙌लौटे तो🤗 उसकी राह😉 तकने वाला👩⚕️ होना 😇जरूरी है, जिसे 🤗दिललगी करके😍 भी प्यार नहीं❌ मिलता उसे 😇और थोड़ी मोहब्बत 😍करनी जरूरी है
🤠 तरीका ही ❌नहीं पता शायद 👩⚕️उसे, जिंदगी 💯में कुछ पाने😇 के लिए मुस्कुराना😄 जरूरी है, मेरी😉 तुम्हारे लिए🤠 एक बार😎 तड़प 🤗देखलो, अब 🙌बताओ तुमसे👩⚕️ ज्यादा मेरे🤠 लिए कुछ😏 और जरूरी😤 है.
Waseem barelvi sahab ki shayari sunao
वो 👩⚕️आखों में 👀देखकर बातें🤗 छुपा रहा😉 था इतनी सफाई 🤠से में ऐतबार न❌ करता तो क्या 😤करता.
शायद🤠 तुम्हारी 🤗मुसाफिरी में 😇कभी मिट्टी 🙌के घर नहीं ❌आते, शायद💯 इसलिए तुम्हें😎 मेरे ख्वाब नहीं❌ भाते.
जिस 😎दिशा में 🙌अपने 🤗कदमों को😉 बढ़ायेगा वहीं🤠 पर उजाला 😇लाएगा जलते 🔥हुए चिराग का 😄अपना मकान ❌नहीं होता.
चलो 😎मान लिया😉 कि हमें🤗 अपने ग😤मों को तुम्हे🤠 बताना नहीं ❌आता, तुम्हें 👩⚕️भी तो हमारी 😎आखों को 👀पढ़ना नहीं ❌आता.
जनाब 😇ये सुनी 🤗रात बड़ी😉 वक्त की😏 पक्की है😄 कुछ समय💯 बाद ढल 😴जाएगी, असल😤 देखने वाली👀 बात तो ये 😎है कि चारगाओं😄 का आखिरकार 🤠सफर कितना 💯है.
जाते 🤗जाते उसकी 👩⚕️खुश्बू का😤 एक कतरा🤠 मुझसे लिपकटर😇 रह गया, ये😎 तो ये एहसास 💯है इसको😤 कोई नहीं ❌समझ पाया😉.
तू 👩⚕️अगर मेरी 🤠तरफ उस 😍प्यारी नजर से❌ न देखता, तो😎 हमने आखों👀 में ख्वाब सजाए❌ न होते, यूं तो😇 रोज़ पीते है😑 शराब लेकिन😄 तेरी आंखों👩⚕️ में मदहोश 👀हुए न होते, आज😎 तक तन्हाई😤 की धूप से😄 जूझ रहे थे 💯काश हम 👩⚕️तुझसे पहले🤗 मिले होते😇.
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Waseem barelvi ki sabse nayi shayari |
जनाब 😎कभी अकड़😑 दिखाई नहीं❌ जाती अपनों 😉के साथ🤠, करना पड़ता😇 है अपनों 🤠को कबूल💯 उनकी हर😉 एक खामी के 🙌साथ.
जनाब 😇गुलाब तो 💯गुलाब 😎जो हर किसी 👀की आखों में 🤗बसा रहता है,😉 अपने कांटों 😤को बिखरकर बड़ी 😏हिफाज़त 😑से रहता है.
जनाब 🤗कुछ अश्कों👀 को बहाकर 😤खरीद लो 😎मुझे वरना 💯ऐसी चट्टान हूं 😇जिसको कोई 😉 तूफ़ां भी 😉हिला नहीं❌ सकता
में 😎सिर्फ बोलता🤗 गया और 😉वो बड़ी 🤠सादगी से😤 मुझे सुनता💯 गया शायद🙌 इसी वजह😉 से में😄 उसका 💯दीवाना हो😎 गया.
हमें😇 और ज्यादा 😎तकलीफ होती🤗 अगर वो❌ मिलने न ❌आता, अच्छा 😤है कि उसे 👩⚕️मेरी कोई 💯खबर नहीं❌.
इस 🤗दुनिया में🌍 ऐसे रिश्तों😇 को निभाना 😎भी कोई बच्चों 🤠का खेल नहीं❌, तेरी 👩⚕️मोहब्बत को 🤗पाना भी नहीं 😉और तेरा कहलाना भी ❌नहीं
झूठ 🤠बोलने 🙌वाले तो 😉सबके दिल❤️ जीत गए 😇और में 😤सच बोलकर 😑सिर्फ ओ सिर्फ 😍अपनों को❌ खोता रहा.
Waseem barelvi ki shayari urdu mai shayari ke diwano ke liye
मैंने 😎तुझसे 👩⚕️दिललगी 😍की है पूरी 🤗सच्चाई से तू😄 मेरा कोई 💯कांच का 😎गिलास नहीं ❌जो बिखर😏 कर टूट 😉जाये.
जनाब 😇इस दुनिया🌍 में शराफत 🤗की कुछ भी💯 कीमत नहीं❌ किसी को🙌 न डराओ 😎तो कोई हमें😇 डराता है.
जनाब 😏किसी से😎 हमारा पता 🤗पूछकर कोई 😤फायदा नहीं❌ क्योंकि 😇उदासियां की 🙌कोई शैरियत😤 नहीं होती❌.
झूठ🤠 अगर बोलोगे 🤗तो इस 🌍जहां में नाम 😤लिया जाएगा 😑और अगर 🙌सच बोला 😤तो सीधा 😄मुहं पर पैसा 😎मारा जाएगा😄.
मेरा 🤗चेहरा 😎कोई शख्स 😏पड़ता भी तो😄 आखिर कैसे 😤पड़ता मेरे पूरे😉 चेहरे पर तुम👩⚕️ जो लिखे 💯हुए थे.
इस🤠 दुनिया में 🌍हर एक 😎इंसा भागता है😏 भीड़ की😤 और ऊपर😄 से ये भी 😉चाहता है कि🙌 उसे रास्ता मिले😏.
न ❌किया था 😉आगाह और ❌नाही किया 🤗कोई वादा 😄लेकिन जैसे 😇ही सुबह 🤠हुई तेरी 👩⚕️राह तकने😑 लगे.
पगली👩⚕️ मैंने💯 कभी 😏तुझसे ये 😎तो नहीं ❌कहा कि मैं तुझसे🤠 बड़ा हूं लेकिन 😇ये जरूर याद 🤗रख मुसीबत के😄 वक्त में😎 तेरे लिए 🤠सबसे आगे 💯खड़े है.
में 🤗जिस भी😇 पल तेरी 👩⚕️यादों को में😤 खोता हूं😄 ठीक 🤠उसी समय 😎मुझे ये दुनिया🌍 समझ में आने😄 लगती😤 है.
दुनियावाले🌍 रोज़ पूछा 😇करते है 👩⚕️मेरी भीगी🤗 हुई पलकों की😉 वजह मुझे 😄कभी झूठ 😤बोलना भी 💯तो नहीं❌ आया.
इन 😉ज़मानेवालों से😇 कहो कि 😄मुझे यूंही🙌 खामोश रहने दे 💯वरना अगर 😉अगर होटों 😎पे बात आयी 😤तो और😄 भी बिगड़ 🤗जाएगी.
जनाब 🤗अब वो 😇जमाना 🤠गुजर गया 🙌जब इश्क़ में❤️ आशिक लगा 😉दिया करते थे🤗 जान की बाजियां😏, अब कोई 😉मोहब्बत में कोई😍 टूट जाये तो❌ मर नहीं जाता.
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Waseem barelvi ki anokhi shayari |
जो😇 मेरे दिल❤️ में और 👩⚕️तेरे ज़ेहन में😄 चला आ 💯रहा है सालों 😉से कहीं 😍मोहब्बत इसी 🤗का नाम न❌ हो.
अगर 🤠बस में 😇होता तो 🙌तुझे जिंदगी 😄की खुशी देते खुद 😎कम्बखत भूखे 💯रहते और तुझे 😄रोटी खिलाते
जनाब 😎इश्क में😇 बिछड़ने 🤗का हुनर हर🙌 किसी को❌ नहीं आता 😎किसी से बिछड़ना 💯हो तो बड़ी😤 करना
शायद😑 इसी कारण😄 से आंखों👀 में ही थम 😇गए हमारे 👀आंसू की 👩⚕️तेरे दिल को❤️ कभी तेरी 😉हरकत का एहसास ❌न हो
जब 😄भी कोई 👩⚕️माँ रखती 😎है अपने 🤗हातों को 😤सर पर 🙌ठीक उसी 😉वक्त मेरे😎 अंदर का 💯एक मोहब्बत 😇में टूटा हुआ😉 बच्चा पैरों 🙌में गिरकर😎 चिल्लाकर रोने लगता है.
में 😇उसकी यादों👩⚕️ को किताब😏 पर मेरे आसुओं 👀से लिख रहा✍️ हु, ताकि 😉मेरी नामौजूदगी 😇में कोई 🤗दूसरा ना पढ़ ❌पाये.
आज 😇इस भरी 😎महफ़िल में 🤗जी लेने 🙌दे, आज😉 की ही शाम😉 है मुझे चैन😏 से जी लेने💯 दे, पता😎 नहीं ❌कल की🤠 शाम कहाँ 😏और किसके 😤साथ 😑गुज़रेगी.
दोस्तों अगर आपको हमारी यह वसीम बरेलवी शायरी की ब्लॉग पोस्ट पसंद आती है आप हमें कमेंट बॉक्स में अपनी राय दे सकते है और दोस्तों आप यह वसीम बरेलवी शायरी की ब्लॉग शायरी और ग़ज़ल के दीवानों को भी भेज सकते है जिससे वो भी वसीम साहब की शायरियोंका लुफ्त उठा सके. धन्यवाद
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