Who was the Allama Iqbal / अल्लामा इकबाल को थे.
दोस्तो आज हम आपके लिए लेकर आ चुके है एक बडीही मजेदार ब्लॉग पोस्ट जिसका नाम है अल्लामा इकबाल शायरी दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट में पाकिस्तान के सबसे मशहूर शायर अल्लामा इकबाल की जीवनी और उनकी शायरी, गज़लों को प्रकाशित किया गया है. जो कि हिंदी और उर्दू भाषा में है. तो दोस्तों अब जानते है, की आखिर कौन थे अल्लामा इकबाल तो दोस्तों अल्लामा इकबाल का जन्म 9 नवंबर 1987 को हुआ था ब्रिटिश इंडिया के पंजाब प्रांत में हुआ था जिसे आजकल आप और हम सियालकोट (पाकिस्तान) से जानते है.
दोस्तों इकबाल के परिवार के सभी लोग पहले काश्मीरी पंडित थे. 15 वी शताब्दी में कुछ अनचाहे हालातों की वजह से उन्होंने मुस्लिम धर्म को अपनाया, दोस्तों कहा जाता है कि 19वी शताब्दी में जब सिख समाज काश्मीर पर अपना झेंढा लहरा रहा था तब वो और उनके दादा श्रीमान तेज बहादुर सप्रू का पूरा परिवार कश्मीर से निकलकर पंजाब की और चल पड़ा दोस्तों उनके दादा एक बहोत ऊंचे स्तर के वकील थे और स्वतंत्र सैनानी थे.
इसी भागदौग मैं उनके परिवार का जीवन कट रह था, लेकिन इकबाल जब 4 साल के थे तबसे ही उन्हें मस्जिद भेज दिया गया था वहां पर उन्होंने अपने टीचर्स से उर्दू भाषा को सिखा और तभी से अल्लामा इकबाल की शायरियोंमें दिलचस्पी बढ़ी और फिर जैसे जैसे बड़े होते गए कई शायरियां और गज़लों को लिखा जिससे उन्होंने कई लोगों के दिल जीतें. दोस्तों फिर उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई में 1993 में मेट्रिक की और अरबी भाषा भी सीखी. दोस्तों उनके जिंदगी का ये ऐसा दौर था जहां अल्लामा इकबाल की शायरियां काफी ज्यादा लोकप्रिय हुई और उन्हें एक अच्छी पहचान मिली.
[100+] अल्लामा इकबाल शायरी हिंदी में वीडियो के साथ.
जिंदगी 😎में कुछ 🤗करने से 🙌जिंदगी 😇सवरती है, लोगों 💯के दिलों को❤️ तोड़ने से 🤔आखिर 🤠क्या हासिल 😎होता है, 🙌अपनी और🤗 से कितनी 🔥भी कोशिशें😇 करों लेकिन 🤠हमेशा जीतता😎 वही है जिसकी💯 किस्मत मैं✍️ जितना लिखा होता है.
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Is image mai hmne Allama Iqbal ki Shayari ko joda hai |
उसकी👩⚕️ बेवफ़ाई ने🙌 पूरे शहर 😤अच्छे अच्चो को😭 रुला रखा है☹️, मुझे पता 😎है कि मुझसे 🤗भी बेवफ़ाई💯 कर चुकी है👩⚕️ वो लेकिन 🤗उसके 😇बदनाम करने से 🙌मेरे जमीर ने😎 मुझको रोक 😇रखा है.
दिल❤️ तो अक्सर😇 करता 😎है मुझसे🤠 बिछड़ने 🙌की फरियाद 👩⚕️उसकी, कभी💯 कभी तो मैं 😎भी सोचता हूँ,🤔 की क्या जायका 😃बदल गया है😍 मेरी मोहब्बत 🙌का, या बदल 🤠गई है जुबां 👩⚕️उसकी.
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मेहनत 😇कर खुदको🤗 काबिल😎 कर इतना💯 कि नतीजे 🤠से पहले खुदा🙌 भी आकर🤗 पूछें तुझसे 🔥की बता🤔 तेरी रजा🙌 क्या है.
मंदिर 😍मस्जिद तो 😇खुदा के😎 मुक़्क़दस🤠 घर है, कोई 😤शराबी का💯 ठिकाना ❌नहीं, 🙌अगर तुझे👩⚕️ जाना ही🤗 है तो 🤠काफ़िर के ❤️दिल में 😎जा जहां😍 खुदा रहता ❌नहीं.
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Allama Iqbal ki Shayari |
जनाब 🤠मज़हब हमें😇 कबि नहीं❌ सिखाता, 😎अपनों से बैर😤 रखना, सब 🤗के सब हिंदी💯 है हम 🙌और प्यारा 😍वतन हिंदुस्तान 😎है हमारा.
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परिदों🤗 में भी 😎उड़ने का 🤠हौसला है,😇 लेकिन उनमें🙌 काबिलियत ❌नहीं, हमभी😎 तेरे इश्क़ 😍के एक🤠 अरसे से🤠 प्यासे है, 🙌लेकिन तू एक 💯ऐसा कुआं😎 है जिसे 🤗अपने प्यासे 😎की जराभी 😇कद्र नहीं❌.
इस🤗 कम्बखत😤 मोहब्बत में 😍आजतक 🙌कौनसा आशिक 😍जीत पाया है, 😎और हम 💯कहा जीत 😇पाएंगे, 👩⚕️तेरी यादों के 🤠साये में एक 🙌दिन यूंही😇 तड़पकर 💯मर जायेंगे, 🙌इकबाल 🤠रखेंगे इतनी 😇दौलत 🤗अपने पास की💯 फना होते 😎समय भी 🤔तुझको आबाद 🤗कर जायेंगे.
चल 😎माना कि😇 तेरी जिंदगी👩⚕️ का हिस्सा 😤बनने के काबिल❌ नहीं हूं मैं, लेकिन🙌 जरा झांक 🤗कर देख 👀मेरी जिंदगी🤠 में, सारी 🌍दुनिया से 😑जुदा हो 🤔कर सिर्फ ओ💯 सिर्फ तेरा हो👩⚕️ चुका हूं 🤠मैं.
मुर्दों😇 का शहर 🙌छोड़ कर 🤠जीदां इंसानों 🤗की तलाश 💯कर, अगर😎 ढूढने पे मिल😇 जाये इंसान🤗 तो खुदा 🙌की तलाश कर, 🤠इस जहां🌍 में हर कम्बखत😤 शीशा अक्सर 😑टूट जाता 🙌है, पत्थर 😎के टकराने से, 😑जिसको 💯टकराने से 🤗पत्थर टूट जाये 😎ऐसा शीशा तलाश🤠 कर.
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Allama Iqbal ki Shayari ya aur gazal |
इस🤗 दिल पर ❤️तेरा नाम 🤠था ता उम्र 😇सिर्फ तेरा ही🙌 रहा, लाखों 😎बारिशें हुई तेरा 👩⚕️निशां इस ❤️दिलसे मिटाने 😇को लेकिन ये😍 मोहब्बत की 🤗स्याही से ✍️लिखा गया🤗 था आखरी 😎सांस तक 🤔वैसे का वैसा🙌 ही रहा.
खुदा🤗 से दुआयें 🙌तो सच्चे❤️ दिल से😇 मांगी जाती😎 है इस जुबां से नहीं, इक़बाल🤠 क़ुबूल तो 😎अक्सर उनकी 🙌भी हुआ 🤗करती है जिन😎 लोगों की 😇 होती जुबां❌नहीं.
हमारी😎 जिंदगी 😇पर कब्ज़ा 🤠वो करती है🤗, हमारे🙌 चेहरे पर🤠 ताज़गी उसकी👩⚕️ वजह से 😤होती है, लेकिन 😎इकबाल जब🤗 भी उसकी 👩⚕️आँखों में 👀देखों हमेशा🤗 तस्वीर किसी😇 गैर कि 💯होती है.
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अक्सर😎 हंस पड़ता 😃हु में हर💯 उस इंसान 😇पर जो🤠 खुद, दरिंदगी😤 करता है ☹️और लानत 🙌भेजता है शैतान 😑पर.
तेरे 👩⚕️मोहब्बत 😍का साया 😎मिला इसलिए 😇आज मैं जिंदा हूं 🤗वरना इस💯 कम्बखत 😎ज़माने ने तो😤 मुझे कबका 🙌मार दिया😑 होता.
20+ अल्लामा इकबाल की प्यार भरी शायरियां और ग़ज़ल.
तुझे👩⚕️ एक 🤗नजर 🤠देख 😇मेरी रूह 👩⚕️तेरी हो 🤗गयी, ख्वाबों😴 को देखने👀 का तो 💯शौक बहोत 😎था मुझे, 🔥लेकिन जैसे 👩⚕️ही तुझसे 👀नज़रें मिली, 😴मेरी नींद सी🤗 खो गयी,❤️ दिल की बात 😇तो कबका 🙌कह देता में🤗 तुझे लेकिन 👩⚕️तुझे किसी😑 और के ☹️साथ रहता💯 देख मेरी 😎जुबां सी 🙌बंद हो 🤠गयी.
जबसे 😎उससे 👩⚕️राब्ते छुठें☹️ हमारा कुछ 😇इस कदर🤗 हाल बेहाल 😤हो गया, इकबाल 💯बहोत ज्यादा🙌 सुकूं था👩⚕️ उसकी बाहों😎 में जब🤗 से बिछड़ा🔥 हूँ सुकूं से रिश्ता☹️ टूट गया.
कोई 😎इंसा इबादत 😇की चाह 😭में रोया तो🤗 कोई इबादत 💯करते हुए 😭रोया, बडाही 😎अजिब ओ 🤔गरीब है🔥 ये नमाज़-ए-मोहब्बत 😍फलसफा इकबाल😎 कोई 🤠इंसा क़ज़ा 😤कर रोया 😭तो कोई🤠 अदा 😎कर 😭रोया.
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Shayari of Allama Iqbal |
आखिर😎 कौन 🤔अपने 🤗ज़ेहन में 🙌रखेगा इस😇 मतलब 💯के दौर में 🤠इक़बाल आजकल😎 वक्त ऐसा🤠 है की लोग 🤗खुदको याद ❌नहीं रखते.
जिंदगी😎 में कभी 🤠उम्मीद मत❌ रख परिदों 💯से इक़बाल, 🙌जिस वक्त🤗 इनके पर🤠 निकल आते है💯 अक्सर 🤗खुदका आशियाना😎 भूल जाते है.
सोने 😎दे उसको🤠 जो कबसे सो😴 रहा है 😑गुलामी भरी नींद 😴में, किसे 😤पता सपने 😴देख रहा 🙌हो आजादी 😎के.
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मुझे😎 रोकेगा😇 क्या तू ऐ 😑नाखुदे ग़र्क़😤 होने से, की जिनको 🙌डूबना है डूब🤔 जाते है सफिनों ☹️में.
पुराने 😇है ये सितारे😎 अधूरी ये🤗 शाम है,💯 उसी से मिलती 🙌थी मेरी जिंदगी 🤠को मशहूरी👩⚕️ उसके बिना🙌 मेरा सबकुछ ☹️बेनाम है.
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Allama ikbak ki Shayari Hindi Mai |
इतने 😍में ही😤 थक गए🤠 जिंदगी 😇तो बाकी और भी है, सिर्फ😎 इतने में ही 😍खुदको मोहब्बत❌ में मत मानो😑 कामियाब💯 क्योंकि कुछ इम्तेहान 🤠तो और भी 😇है.
जिंदगी😎 मैं हर 🤠किसी को 😇बस जितने 😤की हवस है, किसी🙌 में भी हारने💯 जज़्बा नहीं ❌असल में🤠 जीतेजी 😇मरते तो वो😎 लोग है, जो🤔 अपनों 🤗के लिए 💯कभी भी लड़ते ❌नहीं.
पूरी 🤗जिंदगी लिखता✍️ रहा में तेरे 👩⚕️बारे में लेकिन😇 हर बार 🤔कुछ न कुछ 🙌कम रहा न 💯जाने ऐसे😍 कौनसे 😇लफ्ज़ थे जो👩⚕️ तेरे लिए बने😎 थे.
लाखों 😎बार कहां ❤️दिलसे की 😇उससे कोई 🙌रिश्ता नहीं ❌मेरा लेकिन🤗 खुदा हर😎 दफा सिर्फ 🙌यही कहता रहा😑 की तूने ❤️दिलसे नहीं❌ कहा.
मेरे🤗 जिस्म से 😎होकर मेरी 😇रूह में 🙌खोजा, 🤗पसंद तो 🙌कई चीजें 🤗आएंगी तुझे🤠 इस कम्बखत दुनिया में लेकिन तू💯 ता उम्र सिर्फ👩⚕️ मेरे दिल में ही बसजा.
नहीं ❌हूं खफा 👩⚕️उसकी 😤बेवफ़ाई 😑से इकबाल, लेकिन 😎अक्सर आ🤠 जाते है 🙌आखों में👀 आंसू उसको😤 किसी और 🙌के साथ देखने 💯से.
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Allama Iqbal ki Shayari |
उसकी👩⚕️ बेवफ़ाई 😎को लेकर🤗 बुरा😇 भला कहूँ 🙌में उसे, इकबाल💯 ये मुझसे🤠 कभी हो ❌नही सकता,😎 लेकिन 🤗जितना भी 💯अपने जेहन से🙌 मिटाना चाहूं😎 में तेरी 👩⚕️शक्सियत को 🤔कभीभी मिटा ❌नहीं सकता.
अल्लामा इकबाल की जीवनी, शायरियां और कुछ चुनिंदा गज़लें.
दोस्तों अल्लामा इकबाल ने अपनी जिंदगी में तीन शादियां की थी उनकी पहली शादी 1895 को हुई जब वो 18 साल के थे और उनकी पहली पत्नी का नाम था करीम बीबी जो कि खान बहादुर अता मुहम्मद खान की बेटी थी, उनकी पहली शादी से उनको दो संतान हुई उनकी एक बेटी का नाम मिराज बेगम था और दूसरे बेटे का नाम आफताब इकबाल था जो कि बैरिस्टर बन गए थे. और फिर कुछ आपसी दिक्कतों की वजह से वो दोनों मिया बीवी एकदूसरे से अलग हो गए. दोस्तों इस दौर में अल्लामा इकबाल की शायरियां और गज़लें पढ़ रहे थे और जिसे लोग काफी ज्यादा पसंद भी कर रहे थे.
और दोस्तों इनकी दूसरी शादी मुख्तार बेगम से हुई लेकिन कुछ सालों बाद ही उनकी दूसरी बीवी की मौत हो गयी. और फिर कुछ सालों बाद अल्लामा इकबाल ने तीसरी और अपनी जिंदगी की आखरी शादी सरदार बेगम से की जिनसे उन्हें एक बच्चा हुआ जो कि आगे जाकर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जस्टिस बने दोस्तों कहा जाता है कि अल्लामा इकबाल की शायरियां लिखने उनकी तीसरी बीवी बहोत ज्यादा मदत किया करती थी.
दोस्तों आपको बतादें की हमने इस ब्लॉग पोस्ट में अल्लामा इकबाल शायरी की इमेजेस को भी जोड़ा है जो कि देखने में काफी मजेदार लगती है.
अगर उनके व्यवसाय के बारे में कहे तो वो एक जाने माने पाठक के रूप में अपने करियर की शुरुवात की और कुछ सालों बाद उनकी काबिलियत की वजह से उनको गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर में फिलोसोफी के एक जूनियर प्रोफेसर के रूप में चुना गया. दोस्तों फिर कुछ सालों बाद यानी 1905 में अल्लामा इकबाल इंग्लैंड चले गए फिर 1908 में उन्होंने PhD हासिल करने के इरादे से जर्मनी चले गए और जब वो PhD पूरी कर अपने देश को लौटे तो उन्होंने जिस कॉलेज को छोड़ा था उसी में दोबारा इंग्लिश साहित्य के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे और दोस्तों कुछ सालों बाद वो वकील भी बन गए. दोस्तों उनको अल्लामा इकबाल की शायरियों को असल मशहूरी तो तब मिली जब उन्होंने इंसानों की फितरत और मोहब्बत के बारे में लिखना शुरू कर दिया.
दोस्तों अगर आप अल्लामा इकबाल की शायरियोंके वीडियो देखना पसंद करते है तो आपको बतादें की हमने इस ब्लॉग पोस्ट मैं वीडियोज को भी जोड़ा है जिसे आप देखकर असल शायरी और ग़ज़ल की खूबसूरती का लुफ्त उठा सकते हैं.
अपनी😎 हदों को 😇जरा चीरकर 🙌देख, 😃इकबाल जरा 💯अपने आलस🤗 छोड़ अपने 😇कामों पे 🤠ध्यान देके देख😎, और जो ❌नहीं तेरे पास😎 उसकी😇 फिकर छोड़ 😃जो है तेरे😎 पास उसकी😇 खुशियां मना😎 कर देख.
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दिल ❤️उसके हर👩⚕️ दर्द को 😍अपनाने चाहता 😇है उसके हर 👀आंसू को 😑खुशियों में🤗 तब्दील करना😎 चाहता है, इकबाल🙌 एक वही है 👩⚕️जिसे मेरी😍 मोहब्बत कदर ❌नहीं, वरना🤗 मेरी दीवानगी 😇को हर इंसा😎 अच्छे से 🤗पहचानता है.
उजाड़कर😑 तेरी हसीं👩⚕️ को अपनी😃 हसीं में ☹️तब्दील करूं 😤इकबाल में 🤗इतना भी☹️ गया गुज़रा ❌नहीं.
दुनिया🌍 जमाने🤗 से में 😎अक्सर 😑रूठ जाता हूँ🙌 फिर जैसे👩⚕️ ही तेरी और 👀देखता हूँ 💯हर शख्स🤠 से प्यार😍 होने लगता है.
अभी😇 बचपन है 😎उनका जिंदगी🙌 है सुहानी 🤠उनकी 🤗जिम्मेदार होते 💯ही बड़ों 😑का दर्द 🙌और ज़िन्दगी😤 की परेशानियां🤔 समझेंगे.
अगर 🤗किसीसे😍 इश्क़ 🙌करने का 😇इरादा 😎है तो खुदमें 🔥वो जिद 🤗पैदा कर, जिसको❤️ दिलसे पाना💯 चाहता है 🤗उसके लिए😇 खुदको देख🙌 सफल बनाकर.
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जो🤗 इश्क़ 😍में अक्सर😤 हमसे रूठ🙌 जाते है, वो😑 कबिभी रूठते ❌नहीं, और 😇इक़बाल जबतक😎 दर्द ना❌ हो मोहब्बत 😍में तब 🤗असल मोहब्बत 😍का मज़ा ❌नहीं.
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अल्लामा इकबाल की शायरियां |
बहोत 🤗से सुराख 🙌है इस 😎कम्बखत ☹️जिंदगी मैं एक👩⚕️ वही काबिलियत💯 रखता है😇 इन सुराखों 😍को पूरी तरह 😇से भरने की 🤗जिंदगी मैं.
जब 😎भी दिलसे❤️ मेरे कोई🤗 आवाज़ 😇निकलती है🤗 जनाब हमेशा 🙌वो असर 💯रखती है, 🤗और जो🤠 नहीं❌ निकलती ❤️दिलसे वो👩⚕️ उसकी यादों 🤔की सौगात होती🤠 है.
बिल्कुल😎 भी 🤗हया नहीं❌ बचीं है 🙌ज़माने की🤠 आखों 👀मैं हर 😎गुजरती औरत👩⚕️ को हवस💯 की नजरों 👀से देखते🙌 है, सोचने 🤔वाली तो 🤗बात ये है जनाब की😎 इनकी माँ 👩⚕️बहने आखिर 😤इनके साथ☹️ कैसे रहती है.
मेरी😎 बंजड 🙌जमीं पर 👩⚕️तेरे मोहब्बत😍 की फसल🤗 चाहता हूं, 👩⚕️तुझसे मोहब्बत👩⚕️ कर खुदको 💯और भी आबाद🤗 करना चाहता 🙌हूं.
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हिंदी में अल्लामा इकबाल की शायरियां और ग़ज़ल |
जिस😎 देश में 🤗दरिंदो से☹️ महफूज़ ❌नहीं है, लड़कियां👩⚕️उस देश में😎 अनहोनियों के 🤗बाद दियों🙌 को 🔥जलाना बंद🤗 करदो जब 🤠कभी लगे 😇किसी मासूम 🙌की अस्मत पे 😤दाग तो उस😎 दाग लगाने🙌 वाले को ❌मिटा दो.
अपनी😎 किस्मत से🙌 जिंदगी ❌नही अपने😇 कर्मों से असल 🤗किस्मत बनती💯 है और🤠 इकबाल 😎जब कभी 😇जाती है कोई 👩⚕️बेटी अकेली 🙌घर से 🤠बाहर तो 🤗इंसानी दरिंदों🙌 की वजह 💯से घरवालों 😎की तनाव की🙌 अक्सर हदें 😃बढ़ती 🙌🏻है.
ज़माने😎 भर 😇में ढूढता 🤠फिरता हु 🤗उसको हर🙌 किसी की💯 शक्ल में 🤠दिखता ही ❌नहीं कहीं 🤠क्योंकि हमेशा🙌 बैठा हुआ😇 जो होता 🤗है मेरे दिल🤠 में.
उसी😎 में खुदकी 😇मंज़िल को 🤠पाता हूं उसी🤗 को अपनी 💯जिंदगी मानता 🙌हूं है दुनिया 🌍बहोत खूबसूरत😇 लेकिन उसके🤠 आगे सबकुछ 😎भूल जाता हूँ.
उसको😇 पाने में😎 अपना 🙌वक्त जाया 💯मत कर🤠 अगर कुछ🤗 करना ही 😃है तो एकतरफा😎 ही सही😇 लेकिन🤗 उससे सच्चा 😍प्यार कर, वो🤠 भलेही 😎किसी और 😇कि बन जाये 🙌लेकिन तू👩⚕️ ता उम्र 💯उसीका बनकर 😎जाना पहचाना🙌 कर.
अल्लामा इकबाल की सबसे प्यारी शायरी
जिंदगी 😎मैं हसीं 😃भी हो होटों🤗 पर मुस्कान 😇भी हो🙌 इतनी ज्यादा 🤗कामयाबी मिले💯 जिंदगी तुम्हें 😎हर किसी के❤️ दिल में तूम 👩⚕️जैसा बनने की 😎ख्वाइश भी🙌 हो.
जिंदगी😎 में इन पिद्दी 🤗मुसिबतों से 😇मत डर 😃खुदा के 🤠करिश्मों पर 💯यकीं रख, 🙌कोई इंसा🤗 रोक नहीं❌ पायेगा तुझको, 😇बस तू अपनी 😎मंजिल पर🤠 नजर बनाए 😇रख.
काफ़िर काफिर कहकर मासुमोंको बहलाते है, हिन्दू मुसलमान के बीच में मजहबी दूरियां लाते है, हम हिंदुस्तानियोंको किसीका डर नहीं क्योंकि दुनिया में मज़हब से नहीं भाईचारे से जाने जाते हैं.
हमारे ईमान लार शक मत करो हम दुश्मनी हो मोहब्बत अपनी आखरी सांस तक निभाते हैं.
इकबाल तन्हा बनकर मुसाफिरी करता हूँ, हर गली हर कोने में उसीको ढूंढता हूं, उसने भलेही मुझे छोड़ दिया लेकिन मैं अबभी उसको अपना मानता हूं,
ज़ालिम ज़माने की नफरत को कौन मिटा सकता है, ये वैहशी पन किसीको भी काट सकता है, है जरूर इसको रोकना इकबाल, वर्ना इन आग की लपटों हर शख्स आ सकता है.
हमारे दिल का हाल जानते हो फिर भी हमसे सवाल करते हो, हमें छोड़ जाने का बोल कर हमें हर बार परेशान करते हो, और जब कभी आती है प्यार करने की बात तो सभी हदों को पार कर जाते हो.
हर शक्स खुदको खो देता है जब वो किसी के आगे झुककर अपना सबकुछ खो देता है.
वो मुझसे हर दफा मोहब्बत का सबूत मांगता है, अब उसे कैसे बताएं महकती सुबह हो या सुहानी शाम हमें हर वक्त उसका ही ख्याल आता है.
लाख मुसिबतों के बाद भी तेरी मोहब्बत दिल से मिट नहीं सकती, इतना मुक़्क़दस इश्क है हमारा कि हमारे दरमियां कभी दूरियां आ नहीं सकती, मरना है तो बस तेरी बाहों में बिना तेरी बाहों के मुझे मौत कभी आ नहीं सकती.
ज़िन्दगी को मोहब्बत की खुशबू से महका रक्खा है, जिसको कोई दीवाना बना नहीं पाया उसे तूने दीवाना बना रक्खा है
आजकल रिश्तों को रंजिशों ने कैसे जकड़ रक्खा है, अपनों ने दिल में प्यार और अपनेपन को छोड़ नफरत को अपना बना रक्खा है.
उस बेवफा से प्यार की भीख मांगू, इकबाल जिंदगी में में इतना भी तन्हा नहीं.
जिंदगी में मोहब्बत की बरसात चाहतां हूं, वही मेरी सच्चाई है और उसे ही में अपनी जिंदगी बनाना चाहता हूँ, इकबाल कौन कम्बखत कहता है कि मेरी मोहब्बत झूठी है, खुदको मिटा कर तुझे अपने इश्क का एहसास दिलाना चाहता हूं.
मदहोशी में हर किसीके कदम लड़खकड़ाते हैं, असल मजा तो तब आता है जब लड़खड़ाते कदमों को अपना मेहबूब संभालता है.
बदसूरती की पहचान सूरत से होती है, और बदसुलूकी की पहचान बच्चों के खानदान से होती है।
उसकी निगाहों ने भी अजीब जादू कर डाला है, अपनी खूबसूरती के दम पर हमें अपना दीवाना बना डाला है.
जब कभी हम उसकी यादों को दिलसे मिटाने जाते हैं, कुछ तादात किस्से उसके वापस जिंदा हो जाते हैं.
अब जिंदगी कोई अच्छी बात बची नहीं हैं, क्योंकि मेरी मोहब्बत जो अब मेरे साथ नहीं हैं.
उसका जिस्म देखकर ही क्यों आखिर उसपर मरते जाते हो, उसका ज़मीर है कैसा, क्या तुम उसका मिज़ाज़ जानते हो.
हरपल हर लम्हा हम उनसे मिलनको तड़पते जाते हैं, और एक वो है जो हमसे नहीं हमारी दौलत पर मरते जाते हैं.
वही मेरी ख्वाहिश तो वही मेरी जिंदगी का सुरूर है, जन्नत से कम नहीं है मेरी जिंदगी और वो जन्नत जैसी जिंदगी की इकलौती हूर है.
में अब जिंदगी में हर शख्स को आजमाना चाहतां हूं, उसकी मोहब्बत में डूबना चाहतां हूं, कौन कहता है कि मोहब्बत में बधिशें नहीं होती अब में मोहब्बत में भी बंदिशें लगाना चाहता हूं.
अपनी😎 काबिलियत😇 को हमेशा 🤠बढ़ाता रह😃 आगे जिंदगी💯 मैं बहोत सी🤗 मुश्किलाहट 🙌आने वाली है💯, जो तुझसे😎 अभी जुड़े 🤗हुए हैं बुरे 😇वक्त में उनकी 😇परछाई भी 😎साथ छोड़ कर 💯भागने वाली है.
उसकी 👩⚕️ख्वाइशों 😎को देखकर🤗 खुदको बेच 😇आया हूँ जिंदगी 🙌में आगे बढ़ने 💯का तो बहोत🤗 सोचा था😤 मैंने लेकिन 🤠अपनों का की☹️ बेवफ़ाइयों की 🙌वजह से गुमनामी 😎की जिंदगी को💯 जी रहा हु.
उसकी👩⚕️ आँखों में 👀काजल सबसे🤗 निराला है😇, और उसकी👩⚕️ खूबसूरती को😍 इतने गौर🙌 से निहारने 👀वाला कौनसा 🤠आम आदमी 💯है.
उसकी👩⚕️ आँखें हमें👀 उससे बिछड़ने 🤗के बाद भी💯 नशे में 😎रखती है, इकबाल 🙌कोई जरूरत ❌नहीं उसके 👩⚕️दिए जख्मों 😤पर मरहम 😑लगाने की😇 क्योंकि 👩⚕️उसके दिए 🙌जख्मों में 🤠भी हमें 😎अक्सर राहत मिलती 💯है.
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हिंदी में अल्लामा इकबाल की शायरी |
तेरी वो हसीन बाहों में रहने को दिल करता है, तेरी नशीली आखों में खोने को दिल चाहता है, इकबाल और क्या कहूँ में तेरे बारे में, तेरी हर एक अदा पर दिल फना होने को चाहता है.
जिंदगी😎 के हर मोड़ 🙌पर खुदको 😇जितना चाहता 🤗हूं बीत 🤠तो बहोत गए💯 लोग मुझे 🤠हराते हरते 🤗आगे की 😎जिंदगी में 🙌और लोगों 💯को बिताना चाहता😇 हूं.
मुझे😇 जिंदगी 🙌जीने का 😎सलीका 👩⚕️उसने ही💯 सिखाया है,🤗 जिंदगी की☹️ हर मुश्किलाहट😤 पर संभालना😎 सिखाया है 🤗और भी 😑बहोत कुछ🙌 है इकबाल 👩⚕️उसके बारे में 😎कहने को 🤠लेकिन ☹️उसने आज ही🤗 हुस्न-दीदार😎 करने मुझे बुला🙌 रखा है.
अगर होने होते है तो सिर्फ ओ सिर्फ आखों से होते है इशारे मोहब्बत के और अगर न होने हो तो अक्सर एकसाथ रहकर भी कुछ नहीं होता.
कोई कहो उसकी यादों को की कभी तो मेरा पीछा छोड़ दे, हर सुबह हर शाम में डूबा हुआ रहता हूं उसी के खयालों में इस कम्बखत दिल को और कितना समझाऊं की उस बेवफ़ा के लिए आंसू बहाना छोड़ दें.
हर जगह में उसकी परछाई नजर आती है छूं किसी चीज़ को तो वो अक्सर सच हो जाती है, ये दुनिया कितनी खूबसूरत है, जब वो सामने आती है तभी समझ में आती है.
खुदा, भगवान, जीसस नाम अलग अलग लेकिन सभी एक है, ये ज़माने की हदों को छोड़ो जनाब इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है.
जनाब मोहब्बत भी हो हिजाब में किसी का हुस्न भी हो हिजाब मैं ये तो जिंदगी बिताना तो बहोत अच्छा तरीका है हर खुशी का पल हो हिजाब मैं.
यही जिंदगी है इसे ही हमें जी कर बताना है, मत डर दोहज्जग से कम्बखत तुझे अपने कर्मों की वजह से यही जल जान है.
दोस्तों आपको हमारी यह अल्लामा इकबाल शायरी की ब्लॉग पोस्ट कैसी लगी हमें कमैंट्स में बताना ना भूले और अगर कोई आपका दोस्त या चाहनेवाला शायरियां पढ़ना पसंद करता है आप इन शायरियोंको उसे भेज सकते है धन्यवाद.
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